NCLT ने दी IL&FS ऑडिटर्स पर मुकदमा चलाने की इजाजत, भ्रष्ट्राचार का है आरोप
एनक्लैट की दो सदस्यीय बेंच ने याचिका की सुनवाई करते हुए एनसीएलटी के फैसले को सही ठहराया और ऑडिटर्स व स्वतंत्र निदेशकों को पार्टी बनाते हुए उनपर मुकदमा चलाने का निर्देश दिया।
नई दिल्ली, पीटीआइ। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट टिब्यूनल (एनक्लैट) ने ऑडिट कंपनियों के ऑडिटर्स की आइएलएंडएफएस मामले से जुड़ी याचिका खारिज करते हुए उन पर मुकदमा चलाने का निर्देश दिया है। इस मामले में डेलॉय हैस्किंस एंड सेल्स, केपीएमजी, इनके ऑडिटर्स और स्वतंत्र निदेशकों पर कर्ज संकट से जूझ रहे आइएलएंडएफएस ग्रुप के ऑडिट में भ्रष्टाचार का आरोप है। इससे पहले यह ऑडिट कंपनियों ने नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) के आदेश के खिलाफ एनक्लैट का रुख किया था। यह मामला आइएलएंडएफएस ग्रुप की कंपनी आइफिन से जुड़ा हुआ है।
एनक्लैट की दो सदस्यीय बेंच ने याचिका की सुनवाई करते हुए एनसीएलटी के फैसले को सही ठहराया और ऑडिटर्स व स्वतंत्र निदेशकों को पार्टी बनाते हुए उनपर मुकदमा चलाने का निर्देश दिया। इस दौरान टिब्यूनल ने कहा कि अगर एनसीएलटी को लगता है कि ऑडिट कंपनियों ने योजनाबद्ध तरीके से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है, तो वह कंपनी अधिनियम के तहत कार्रवाई का आदेश दे सकती है। सुनवाई के दौरान एनक्लैट ने ऑडिटर्स की दलीलों को नकार दिया।
आरोपित स्वतंत्र निदेशकों और अधिकारियों की कोर्ट के समक्ष दलील थी कि वे कंपनी के प्रंबधन से जुड़े मामलों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। इसलिए उन्हें इस मुकदमे में पार्टी नहीं बनाया जाना चाहिए। इसपर एनक्लैट ने स्वाभाविक न्याय का पालन करने की बात कही। इससे पहले कॉरपोरेट मामलों के मंत्रलय ने एनसीएलटी से आरोपित कंपनियों के असेट फ्रीज करने की मांग की थी।