IL&FS या इसकी सहायक कंपनियों को NPA में नहीं डाल सकते बैंक या वित्तीय संस्थान: NCLAT
दो सदस्यीय नैशनल कंपनी लॉ अपीली ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने सोमवार को कहा कि उसकी मंजूरी के बिना कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान ऐसा नहीं कर सकते।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान आईएलएंडएफएस (IL&FS) या इसकी सहायक कंपनियों के खाते को एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स) में नहीं डाल सकते।
दो सदस्यीय नैशनल कंपनी लॉ अपीली ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने सोमवार को कहा कि उसकी मंजूरी के बिना कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान ऐसा नहीं कर सकते। बेंच ने कहा कि आईएलएंडएफएस के समाधान योजना को देखते हुए ऐसा किया गया है।
ट्रिब्यूनल ने कहा, 'आईएलएंडएफएस या इसकी किसी भी सहायक कंपनी के खाते को कोई भी वित्तीय संस्थान या बैंक एनसीएलएटी की मंजूरी के बिना एनपीए घोषित नहीं कर सकते।'
संकट का सामना कर रहे आईएलएंडएफएस ग्रुप के समाधान योजना पर हो रही सुनवाई के दौरान बेंच ने यह आदेश दिया। 11 फरवरी को हुई आखिरी सुनवाई में एनसीएलएटी ने आईएलएंडएफएस समूह की 22 कंपनियों को कर्ज चुकाने की मंजूरी दी थी।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज डी के जैन को इस समूह के समाधान योजना की प्रक्रिया की निगरानी के लिए नियुक्त किए जाने को मंजूरी दी थी।
आईएलएंडएफएस समूह पर करीब 91,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। संकट का सामना कर रही इस कंपनी को वापस पटरी पर लाए जाने की कोशिश हो रही है।
इन्हीं कोशिश के तहत इस समूह की कंपनियों को तीन ग्रीन, अंबर और रेड ग्रुप में बांटा गया है। जिन कंपनियों को ग्रीन कैटेगरी में रखा गया है, वह अपने कर्ज का भुगतान करती रहेंगी। वहीं जो कंपनियां अपने कर्ज का भुगतान नहीं कर सकती हैं लेकिन ऑपरेशनल दायित्वों को पूरा कर सकती हैं, उन्हें अंबर कैटेगरी में रखा गया है। जबकि रेड में उन कंपनियों को रखा गया है, जो अपने कर्ज का भुगतान करने की हालत में नहीं हैं।
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