NCLAT ने CCI की ओर से जुर्माने के खिलाफ गूगल की याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सर्च इंजन गूगल पर 136 करोड़ रुपए का जुर्माना ठोका है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने गूगल की एक अंतरिम याचिका पर आज अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एनसीएलएटी बेंच ने गूगल की ओर से दायर की गई उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है जिसमें उसने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले को चुनौती दी है।
सीसीआई ने गूगल पर लगाया कितने का जुर्माना: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सर्च इंजन गूगल पर 136 करोड़ रुपए का जुर्माना ठोका है। सीसीआई ने गूगल पर यह जुर्माना ऑनलाइन सर्च के लिए भारतीय बाजार में अनुचित व्यावसायिक व्यवहार के लिए लगाया है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि सीसीआई भारत की एक विनियामक संस्था है, जिसका उद्देश्य देश में स्वच्छ प्रतिस्पर्धा को बढावा देना है।
सीसीआई ने क्यों सुनाया फैसला?
सीसीआई ने यह आदेश उस शिकायत पर कार्यवाही करते हुए पारित किया है जिसे साल 2012 में दर्ज कराया गया था। नियामक ने कहा कि गूगल पर यह जुर्माना "विश्वास-विरोधी आचरण का उल्लंघन" करने के लिए लगाया जा रहा है। विश्व स्तर पर, यह दुर्लभ मामलों में से एक है जहां गूगल को अनुचित व्यावसायिक तरीके का इस्तेमाल करने के लिए दंडित किया जा रहा है।
सीसीआई का क्या था आरोप?
सीसीआई ने अपने आदेश में कहा है कि गूगल को सर्च में पक्षपात करने का दोषी पाया गया है और ऐसा करने से इसके प्रतिस्पर्धियों के साथ ही साथ यूजर्स को भी नुकसान हुआ है। आयोग ने कहा है कि गूगल को जुर्माने की राशि 60 दिनों के भीतर जमा करानी होगी। गूगल पर यह आरोप था कि वह सर्च में भेदभाव और सर्च में छेड़छाड़ करने के जरिये ऑनलाइन सर्च बाजार में अपनी प्रभावकारी बाजार स्थिति का गलत फायदा उठा रही है।