मैक्डोनाल्ड्स-बख्शी समझौते को NCLAT का बड़ा झटका, विक्रम बख्शी को बिना इजाजत विदेश यात्र से रोका
सीआरपीएल ने वर्ष 1995 में 5050 हिस्सेदारी के साथ अगले 25 वर्षो के लिए मैक्डोनाल्ड्स स्टोर चलाने का अधिकार हासिल किया था।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट टिब्यूनल (एनक्लैट) ने मैक्डोनाल्ड्स और उसकी भारतीय सहयोगी रही सीपीआरएल के मालिक विक्रम बख्शी को आपसी समझौते के क्रियान्वयन से रोक दिया है। इसके साथ ही टिब्यूनल ने विक्रम बख्शी को उससे या डीआरटी से इजाजत लिए बगैर विदेश जाने पर रोक लगा दी है। एनक्लैट ने कहा है कि वह दिग्गज अमेरिकी फास्ट फूड चेन मैक्डोनाल्ड्स और उत्तर-पूर्वी भारत में उसकी सहयोगी रही कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीपीआरएल) के बीच हुए सौदे की समीक्षा करेगी। टिब्यूनल के मुताबिक सीपीआरएल के मालिक विक्रम बख्शी द्वारा सीपीआरएल में अपने शेयर मैक्डोनाल्ड्स के हाथों बेचने संबंधी सौदे की समीक्षा की जाएगी।
चेयरमैन जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि मैक्डोनाल्ड्स और विक्रम बख्शी के बीच हुआ समझौता प्रथम दृष्ट्या डेट रिकवरी टिब्यूनल (डीआरटी) के आदेशों का उल्लंघन है और इसका क्रियान्वयन रोका जाए।
भारत में मैक्डोनाल्ड्स के स्टोर चलाने का अधिकार दो कंपनियों को मिला था। इसके तहत उत्तर व पूर्वी भारत में कंपनी के स्टोर विक्रम बख्शी नियंत्रित सीपीआरएल चलाती थी, जबकि पश्चिम और दक्षिण भारत के लिए यह अधिकार अमित जाटिया नियंत्रित वेस्टलाइफ डेवलपमेंट के पास है। सीआरपीएल ने वर्ष 1995 में 50:50 हिस्सेदारी के साथ अगले 25 वर्षो के लिए मैक्डोनाल्ड्स स्टोर चलाने का अधिकार हासिल किया था।
वर्ष 2013 में विक्रम बख्शी को सीपीआरएल के एमडी के पद से हटा दिया गया। वे तत्कालीन कंपनी लॉ बोर्ड की शरण में चले गए। एनसीएलटी ने 14 जुलाई, 2017 को उनका पद बहाल कर दिया, जिसके खिलाफ मैक्डोनाल्ड्स ने एलक्लैट में याचिका लगाई। उसी वर्ष मैक्डोनाल्ड्स ने रॉयल्टी भुगतान नहीं होने का आरोप लगाते हुए सीपीआरएल का फ्रैंचाइज करार खत्म कर दिया। उसके बाद मैक्डोनाल्ड्स ने एनक्लैट से कहा कि विक्रम बख्शी के साथ उसकी सुलह नहीं हो सकती।