Retirement Fund तैयार करने के लिए बेहतर निवेश विकल्प है National Pension System, जानिए क्या है खासियत
National Pension System 18 से 65 साल की आयु वाले लोगों के लिए उपलब्ध है। एनपीएस में सब्सक्राइबर्स को एक वित्त वर्ष में कम से कम एक बार योगदान करना जरूरी होता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार समर्थित नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) रिटायरमेंट फंड तैयार करने के लिए एक बेहतर निवेश विकल्प है। इसका प्रबंधन पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा किया जाता है। खास बात यह है कि इस सिस्टम में सब्सक्राइबर्स को आयकर में छूट का लाभ भी मिलता है। अगर हम इस श्रेणी के दूसरे एसेट्स से एनपीएस की तुलना करें, तो यह कई सारी आकर्षक विशेषताओं के चलते सबसे बेहतर साबित होता है। एनपीएस की एक बड़ी खासियत यह भी है कि इसमें अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। वहीं, एनपीएस अकाउंट को चालू रखने के लिए सालाना न्यूनतम 1,000 रुपये का निवेश जरूरी होता है।
यह पेंशन योजना 18 से 65 साल की आयु वाले लोगों के लिए उपलब्ध है। एनपीएस में सब्सक्राइबर्स को एक वित्त वर्ष में कम से कम एक बार योगदान करना जरूरी होता है। एनपीएस में दो तरह के खाते होते हैं। टियर-1 और टियर-2। टियर-1 अकाउंट कर लाभ उद्देश्य के लिए डिफॉल्ट अकाउंट है। वहीं, टियर-2 अकाउंट वैकल्पिक है। आइए जानते हैं कि एनपीएस के और क्या-क्या फायदे हैं।
1. एनपीएस में काफी लचीलापन निवेशक को मिलता है। एनपीएस सब्सक्राइबर्स उनके खुद के निवेश विकल्प और पेंशन फंड को चुन सकते हैं व अपने पैसे को बढ़ते हुए देख सकते हैं।
2. निवेशक साल में दो बार निवेश विकल्प या एसेट क्लास को बदल सकते हैं। साथ ही साल में एक बार पेंशन फंड को बदल सकते हैं।
3. एनपीएस आपको अपने खाते में निवेश करने के लिए दो दृष्टिकोण प्रदान करता है। पहला एक्टिव और दूसरा ऑटो। एक्टिव च्वाइस में सब्सक्राइबर एसेट्स क्लासेज में आवंटन प्रतिशत निर्धारित कर सकता है। वहीं, ऑटो च्वाइस में सब्सक्राइबर की उम्र के आधार पर, प्री-डिफाइन्ड मैट्रिक्स में एसेट क्लास के बीच फंड अपने आप आवंटित हो जाता है।
4. इस योजना में कम लागत और कंपाउंडिंग की शक्ति के साथ दोहरा लाभ मिलता है।
5. एनपीएस की एक अच्छी बात यह है कि इसमें एन्युइटी राशि एश्योर्ड रहती है। एन्युटी मासिक भुगतान को संदर्भित करता है, जिसे आप नेशनल पेंशन स्कीम से बाहर निकलने के बाद एन्युइटी सर्विस प्रोवाइडर (ASP) से एक सब्सक्राइबर के रूप में प्राप्त करेंगे।
6. एनपीएस में निवेश पर आयकर अधिनियम की तीन धाराओं के अंतर्गत सब्सक्राइबर टैक्स-सेविंग लाभों के लिए दावा कर सकते हैं। आयकर अधिनियम की ये तीन धाराएं सेक्शन 80सीसीडी (1), सेक्शन 80सीसीडी (2) और सेक्शन 80सीसीडी (1बी) है।
7. एनपीएस अकाउंट को ऑनलाइन मैनेज किया जा सकता है।
8. आप नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट (NPS Trust) वेबसाइट पर उपलब्ध पेंशन कैलकुलेटर का उपयोग कर आसानी से अपनी एनपीएस पेंशन की गणना कर सकते हो।