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2022 तक सभी गांवों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड अभियान की हुई शुरुआत

रविशंकर ने कहा कि ब्रॉडबैंड और डिजिटल इंडिया के महत्व को इससे समझा जा सकता है कि इसी की बदौलत ‘आधार’ और ‘यूपीआइ’ का देश में विकास हुआ जिनकी आज दुनियाभर में चर्चा हो रही है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 09:29 AM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 09:29 AM (IST)
2022 तक सभी गांवों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड अभियान की हुई शुरुआत
2022 तक सभी गांवों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड अभियान की हुई शुरुआत

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार का इरादा भारत को सॉफ्टवेयर उत्पादन का बड़ा केंद्र बनाने का है। सभी गांवों में ब्रॉडबैंड की उपलब्धता से कनेक्टिविटी के साथ डाटा स्पीड बढ़ने से यह लक्ष्य पाना आसान होगा। यह बात केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड अभियान को लांच करते हुए कही। मिशन का उद्देश्य 2022 तक देश के सभी गांवों में ब्रॉडबैंड पहुंचाकर मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर करना तथा डाटा स्पीड को बढ़ाना है।

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प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड अभियान यानी नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) का उल्लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 15 अगस्त को लाल किले से दिए अपने भाषण में किया था। इसके जरिये सरकार पूरे देश, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती व सर्वसुलभ ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उद्योगों के साथ मिलकर सात लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। उन्होंने मिशन को कामयाब बनाने के लिए राज्य सरकारों का सहयोग मांगा और उनसे अपने यहां उचित ऑप्टिकल फाइबर इंडेक्स तैयार करने की अपील की।

रविशंकर ने कहा कि ब्रॉडबैंड और डिजिटल इंडिया के महत्व को इससे समझा जा सकता है कि इसी की बदौलत ‘आधार’ और ‘यूपीआइ’ का देश में विकास हुआ जिनकी आज दुनियाभर में चर्चा हो रही है। यूपीआइ की तारीफ गूगल के मुखिया सुंदर पिचाई तक ने की है। आज देश में 25 हजार से ज्यादा स्टार्टअप कार्य कर रहे हैं जिनमें 25 का टर्नओवर एक अरब डॉलर (करीब सात हजार करोड़ रुपये) से ज्यादा है। आइआइटी से निकलने वाले छात्र नौकरी की तलाश करने के बजाय नौकरी देने की बात करने लगे हैं।

हमारे नेशनल ज्यूडीशियल डाटाबेस में 10 करोड़ मुकदमों और नौ करोड़ न्यायिक आदेशों का संग्रह है और एक क्लिक में किसी की भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने टेलीकॉम अफसरों तथा उद्योग से कहा कि सरकार ने सारी जरूरी नीतियां बना दी हैं। अब आपको काम करना है और अभियान को समयसीमा के भीतर पूरा करके दिखाना है। सरकार देश को सॉफ्टवेयर उत्पादन का बड़ा केंद्र बनाने की तैयारी कर रही है।

गांवों को बनाएंगे डिजिटल विलेज

उन्होंने कहा हमारा इरादा देश में एक लाख गांवों को डिजिटल विलेज में तब्दील करने का है। ताकि गांवों में ई-स्कूल, ई-अस्पताल, ई-पंचायत स्टार्ट-अप आदि का सपना साकार हो सके। बीएसएनएल, एमटीएनएल के अलावा प्राइवेट कंपनियों को भी इसमें भागीदारी निभानी होगी। हमारा लक्ष्य डाटा स्पीड को 50 एमबीपीएस पर पहुंचाना, मोबाइल टावरों की संख्या को 5.6 लाख से बढ़ाकर दस लाख करना तथा ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क की लंबाई को 22 लाख किमी से बढ़ाकर 50 लाख किमी करना है।

टावर घनत्व को दोगुने से ज्यादा करने का है लक्ष्य

इससे पहले संचार राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने कहा कि मंत्रालय ने 2024 तक प्रति हजार की जनसंख्या पर टावर घनत्व को मौजूदा 0.42 से बढ़ाकर 1.0 करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 30 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जाएगी। मिशन के लिए 10 फीसद राशि का इंतजाम यूनिवर्सल ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) से किया जाएगा। बाकी राशि का निवेश उद्योग तथा अन्य स्टेकहोल्डरों द्वारा किया जाएगा।


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