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देश होगा केरोसिन मुक्त, बचेगी हजारों करोड़ की सब्सिडी

यह कदम होगा देश को केरोसिन से निजात दिलाना। साथ ही सरकार को केरोसिन सब्सिडी के तौर पर हजारों करोड़ रुपये की बचत भी होगी।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 10:17 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 10:17 AM (IST)
देश होगा केरोसिन मुक्त, बचेगी हजारों करोड़ की सब्सिडी
देश होगा केरोसिन मुक्त, बचेगी हजारों करोड़ की सब्सिडी

नई दिल्ली (जयप्रकाश रंजन)। हर घर को बिजली और तकरीबन छह करोड़ गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देने के बाद राजग सरकार एक ऐसा कदम उठाने जा रही है जिससे देश में न सिर्फ कालाबाजारी पर लगाम लगेगी बल्कि पर्यावरण के लिहाज से भी यह बेहद उपयोगी साबित होगा।

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यह कदम होगा देश को केरोसिन से निजात दिलाना। साथ ही सरकार को केरोसिन सब्सिडी के तौर पर हजारों करोड़ रुपये की बचत भी होगी। चालू वित्त वर्ष में केरोसिन सब्सिडी के तौर पर सरकार ने 4,555 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

बिजली मंत्री आरके सिंह ने दैनिक जागरण को बताया, 'हर घर को बिजली देने के बाद अब घरों को केरोसिन के धुएं से मुक्त करने का समय आ गया है। मैं जल्द ही खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखने वाला हूं जिससे आगे के लिए कदम उठाया जा सके।'

दरअसल, सरकार के पास पहले से ही डाटा तैयार है कि कितने घरों में राशन से केरोसिन की आपूर्ति होती है। अब जब देश के अधिकांश राज्यों के सभी घरों को बिजली कनेक्शन से जोड़ने का दावा किया जा रहा है तो इसके आधार पर जिन घरों तक बिजली गई है उन्हें अब केरोसिन की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी।

सरकार रोशनी के लिए ही ग्रामीण इलाकों में केरोसिन देती है। बिजली मंत्रालय का कहना है कि अब राजस्थान, असम, मेघालय समेत कुछ गिने चुने राज्यों को छोड़ दिया जाए तो देश के तमाम राज्यों के घरों में बिजली पहुंच चुकी है। इन बचे हुए राज्यों के शेष घरों में भी फरवरी, 2019 के पहले हफ्ते तक बिजली पहुंच जाएगी।

वैसे देखा जाए तो देश में केरोसिन की खपत पहले से ही लगातार कम होती जा रही है। वर्ष 2005-06 में पूरे देश में 95.41 लाख मीट्रिक लीटर केरोसिन की खपत देश में हुई थी जो वर्ष 2018-19 के पहले 10 महीने में घट कर महज 26.29 लाख मीट्रिक लीटर रह गई है। पिछले तीन वर्षों में केरोसिन की खपत में सबसे तेजी से कमी हुई है।

इसका श्रेय तेजी से बिजली कनेक्शन देने और उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन देने को कहा जाता है। उज्ज्वला योजना के तहत छह करोड़ गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मिला है। इनमें से अधिकांश परिवार केरोसिन पर ही खाना बनाते थे।

दिल्ली, पंजाब, आंध्र प्रदेश, हरियाणा जैसे कई राज्य पहले से ही केरोसिन मुक्त हैं लेकिन संभवतः अगले वित्त वर्ष से देश में तमाम राशन की दुकानों से केरोसिन बिक्री बंद हो जाएगी। इस वजह से केरोसिन डीलरों की दुकानों पर भी ताला लगेगा।

अभी देश में तकरीबन 6500 केरोसिन डीलर हैं। केरोसिन मुक्त होने का एक बड़ा असर यह होगा कि इसे डीजल में मिला कर बेचने का गोरखधंधा भी खत्म होगा। कुछ वर्ष पहले पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अध्ययन से पता चला था कि 41 फीसद केरोसिन का इस्तेमाल मिलावट के लिए किया जाता है।


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