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Bank Merger: अभी और बैंकों का हो सकता है विलय, सरकार ने दिया संकेत

बकौल ठाकुर एकीकरण के जरिए वैश्विक आकार के बैंकों के गठन से 2024-25 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के नरेंद्र मोदी सरकार के सपने को पूरा करने में मदद मिलेगी।

By Ankit KumarEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 06:08 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 09:10 AM (IST)
Bank Merger: अभी और बैंकों का हो सकता है विलय, सरकार ने दिया संकेत
Bank Merger: अभी और बैंकों का हो सकता है विलय, सरकार ने दिया संकेत

नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा है कि अभी अन्य बैंकों के विलय का विकल्प खुला हुआ है और सरकार जरूरत के मुताबिक इस बारे में फैसला कर सकती है। केंद्र सरकार ने पिछले साल पब्लिक सेक्टर के 10 बैंकों के विलय के जरिए चार नए बैंक बनाने की घोषणा की थी। इस ऐलान पर एक अप्रैल को अमल होने के बाद वैश्विक आकार के छह बैंकों का गठन होगा। इससे पब्लिक सेक्टर बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी, जो 2017 में 27 थी। 

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IBC रहा है सफल

ठाकुर ने कहा, ''हमने सफलतापूर्वक बैंकों का विलय और पूंजीकरण किया है। इंसाल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) सफल रहा है, जिससे बैंकों में चार लाख करोड़ रुपये वापस लाने में मदद मिली है। आने वाले समय में जरूरत के आधार पर अन्य बैंकों का एकीकरण या विलय होगा।'' 

बड़े बैंकों से 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की राह होगी आसान

उन्होंने कहा कि एकीकरण के जरिए वैश्विक आकार के बैंकों के गठन से 2024-25 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के नरेंद्र मोदी सरकार के सपने को पूरा करने में मदद मिलेगी। सरकार का मानना है कि बड़े बैंकों की पहुंच, कर्ज देने की क्षमता ज्यादा होगी। साथ ही वे न्यू इंडिया की अपेक्षाओं के अनुरूप बेहतर प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी के साथ बैंकिंग में सक्षम होंगे।

पिछले साल कई बैंकों के विलय की हुई थी घोषणा

पिछले साल अगस्त में सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की विलय की घोषणा की थी। इस विलय से देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आएगा। इसके साथ ही सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय का ऐलान हुआ था। 

LIC की लिस्टिंग से इक्विटी मार्केट को मिलेगी मजबूती

बजट की घोषणा के मुताबिक LIC की लिस्टिंग के बारे में पूछे जाने पर ठाकुर ने कहा कि इससे अधिक पारदर्शिता लाने, लोगों की भागीदारी बढ़ाने और इक्विटी मार्केट को और मजबूती देने में मदद मिलेगी।  


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