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लॉकडाउन: प्रभावित सेक्टर्स के लिए राहत पैकेज पर हो रहा विचार, पीएम करेंगे अंतिम फैसलाः गडकरी

Economic Package गडकरी ने कहा कि सरकार कृषि सूक्ष्म लघु और मझोले उद्योग (MSMEs) के लिए अलग से नीति बना रही है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 07:07 PM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 08:08 AM (IST)
लॉकडाउन: प्रभावित सेक्टर्स के लिए राहत पैकेज पर हो रहा विचार, पीएम करेंगे अंतिम फैसलाः गडकरी
लॉकडाउन: प्रभावित सेक्टर्स के लिए राहत पैकेज पर हो रहा विचार, पीएम करेंगे अंतिम फैसलाः गडकरी

नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार कोविड-19 को लेकर लागू लॉकडाउन से प्रभावित सेक्टर्स की हरसंभव मदद के लिए पैकेज लाने पर गंभीरता से विचार कर रही है और प्रधानमंत्री स्तर पर इस बारे में निर्णय किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को यह बात कही। रीयल एस्टेट से जुड़े उद्योग संगठन Nardeco से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत के दौरान MSME और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा, ''मैंने अपने विभाग की ओर से सुझाव भेज दिया है लेकिन प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री इस बाबत अंतिम निर्णय करेंगे।'' 

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गडकरी ने कहा कि सरकार की ओर से लिए गए निर्णय को समय के साथ सार्वजनिक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगों के साथ मजबूती से खड़ी है। मंत्री ने कहा कि भारत सरकार विभिन्न मुद्दों पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी सेक्टर्स के लिए हरसंभव पैकेज पर गंभीरता से सोच-विचार किया जा रहा है और इस बारे में प्रधानमंत्री के स्तर पर निर्णय किया जाएगा। 

इसके अलावा गडकरी ने कहा कि सरकार कृषि, सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योग (MSMEs) के लिए अलग से नीति बना रही है। उन्होंने एग्रो-एमएसएमई के विचार को रेखांकित करते हुए उद्योग से कृषि से जुड़ी संभावनाएं तलाशने का आग्रह किया। 

गडकरी ने इसके साथ ही एक बार फिर यह बात दोहराई कि वैश्विक समुदाय द्वारा चीन से दूरी बनाए जाने से पैदा होने वाले अवसर का लाभ उठाते हुए भारत अपना निर्यात और वृद्धि दर बढ़ा सकता है।  

रीयल एस्टेट सेक्टर की समस्याओं के संदर्भ में गडकरी ने कहा कि सरकार इस सेक्टर को मदद करना चाहती है और अपने स्तर से समाधान निकालने का प्रयास कर रही है। हालांकि, तथ्य है कि यह सेक्टर अब भी परेशानियों से जूझ रहा है।

उन्होंने रीयल एस्टेट सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स से इस बारे में अपने सुझाव वित्त मंत्रालय, आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजने को कहा है।

हालांकि, गडकरी ने रीयल एस्टेट कंपनियों से ऐसे आवासीय यूनिट्स को बिना किसी नफा-नुकसान के बेचने का सुझाव दिया, जो अब तक नहीं बिके हैं। मंत्री ने कहा कि इससे बिल्डर्स की नकदी की स्थिति बेहतर होगी और लोन पर ब्याज पर होने वाले खर्च में कमी आएगी। 

कोरोनावायरस महामारी के फैलाव से रीयल एस्टेट सेक्टर पर बहुत ज्यादा असर पड़ा है, जो पहले से डिमांड में कमी का सामना कर रहा था।


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