जानिए क्या है नाबार्ड का खास लोन गारंटी कार्यक्रम, जिसमें लाखों लोगों को होगा फायदा
इसमें कहा गया है कि नाबार्ड ने विवृत्ति कैपिटल और उज्जीवन स्माल फाइनेंस बैंक के साथ इस महीने की शुरुआत में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने सोमवार को कहा कि उसने कोविड- 19 महामारी से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्र में बिना किसी बाधा के कर्ज प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये एक समर्पित कर्ज गारंटी उत्पाद की शुरुआत की है। नाबार्ड ने कहा है कि यह उत्पाद एनबीएफसी- सूक्ष्म वित्त संस्थानों को वित्त एवं आंशिक गारंटी कार्यक्रम के अनुरूप तैयार किया गया है। इसमें लघु एवं मध्यम आकार के सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) को सामूहिक तौर पर दिए जाने वाले कर्ज पर आंशिक गारंटी उपलब्ध कराई जायेगी।
इसमें कहा गया है कि नाबार्ड ने विवृत्ति कैपिटल और उज्जीवन स्माल फाइनेंस बैंक के साथ इस महीने की शुरुआत में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता इस पहल को आगे बढ़ाने के लिये किया गया है। इसके तहत सूक्ष्म उद्यमों और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिये वित्तपोषण को सुगम बनाया जायेगा।
नाबार्ड के चेयरमैन जी आर चिंताला ने कहा, 'आंशिक कर्ज गारंटी सुविधा से लाखों परिवारों, कृषि कारोबारियों और व्यवसाय बाजारों को कोविड- 19 बाद के परिवेश में जरूरी वित्त सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने कहा कि शुरुआती चरण में इससे 2,500 करोड़ रुपये तक का वित्तपोषण होगा और बाद में यह और बढ़ सकेगा।
कार्यक्रम के तहत 28 राज्यों और 650 जिलों के 10 से अधिक परिवारों को सुविधा मिलने की उम्मीद है। सामूहिक कर्ज निर्गम के इस ढांचे में कर्जदाता बैंक को नाबार्ड की आंशिक कर्ज सुरक्षा के तहत पर्याप्त सहारा प्राप्त होता है। पूंजी की लागत कम होती है क्योंकि इस तरह के कर्ज की रेटिंग ऊंची होती है और कर्जदाता बैंक को उसके प्राथमिक क्षेत्र के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलती है।
इस कार्यक्रम के तहत पहले लेनदेन को आगे बढ़ाते हुये नाबार्ड और विवृत्ति ने उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक के साथ भागीदारी की हे। महामारी की शुरुआत के बाद से नाबाउर् विशेष नकदी सुविधाओं के तहत सूक्ष्म वित्त संस्थानों और गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों को 2,000 करोड़ रुपये वितरित कर चुका है।