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Loreal India और इंडियाबुल्स रियल एस्टेट ने की मुनाफाखोरी, NAA ने ठोंका जुर्माना

राष्ट्रीय मुनाफाखोरीरोधी प्राधिकरण (NAA) ने लारियल इंडिया और इंडियाबुल्‍स रियल एस्‍टेट को मुनाफाखोरी का दोषी पाया है। लारियल इंडिया को एनएए ने कहा है कि वह मुनाफाखोरी की 50 प्रतिशत राशि केंद्रीय उपभोक्‍ता कल्‍याण कोष में जमा करवाए।

By Manish MishraEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 10:37 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 10:39 AM (IST)
Loreal India और इंडियाबुल्स रियल एस्टेट ने की मुनाफाखोरी, NAA ने ठोंका जुर्माना
NAA Fines Loreal India And IndiaBulls Real Estate in Profiteering

नई दिल्ली, पीटीआइ। राष्ट्रीय मुनाफाखोरीरोधी प्राधिकरण (NAA) ने लारियल इंडिया को 186.39 करोड़ रुपये से अधिक की मुनाफाखोरी का दोषी पाया है। एनएए ने जांच में पाया कि कंपनी ने जीएसटी दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं दिया। मुनाफाखोरीरोधी महानिदेशालय (DGAP) की जांच में पता चला कि लारियल इंडिया (Loreal India) प्राइवेट लिमिटेड ने 15 नवंबर 2017 से फेस वाश, शैंपू, बालों के रंग, कंडीशनर और कुछ मेकअप उत्पादों पर कर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का लाभ ग्राहकों को नहीं दिया। एनएए ने मुनाफाखोरी की 50 प्रतिशत राशि या 93.19 करोड़ रुपये केंद्रीय उपभोक्ता कल्याण कोष (CWF) में और शेष राशि राज्यों के सीडब्ल्यूएफ में जमा कराने को कहा है। NAA ने अपने आदेश में कहा है कि लारियल इंडिया को प्रभावित वस्‍तुएं के दाम क्रमिक रूप से कम करने चाहिए।

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इंडियाबुल्स रियल एस्टेट भी मुनाफाखोरी का दोषी

एनएए ने इंडियाबुल्स रियल एस्टेट को 6.46 करोड़ की मुनाफाखोरी का दोषी पाया है। इस मामले की जांच में कंपनी को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ घर खरीदारों को नहीं देने की बात पता चली है। एक घर खरीदार द्वारा दायर याचिका पर डीजीएपी ने मामले की जांच की और बिल्डर को दोषी पाया। याचिका में कहा गया था कि विशाखापट्टनम स्थ्ति सियरा-वाइजैग प्रोजेक्‍ट का ITC लाभ ग्राहकों को नहीं दिया गया।

DGAP ने पाया कि जीएसटी लागू होने के बाद 1 जुलाई 2017 से 31 मार्च 2019 के बीच इंडियाबुल्‍स रियल एस्‍टेट को आईटीसी से अतिरिक्‍त लाभ हुआ था और तकरीबन 6.46 करोड़ से अधिक की राशि घर खरीदारों को दिए जाने थे। जांच अवधि के दौरान प्रधिकरण ने पाया कि कंपनी ने सियरा-वाइजैग प्रोजेक्‍ट में 6,46,06,227 रुपये की मुनाफाखोरी की।

SEBI ने भारती इन्फ्राटेल पर जुर्माना लगाया

सेबी ने कर्मचारी स्टाक विकल्प योजनाओं (ESOP) से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने पर भारती इन्फ्राटेल पर एक लाख का जुर्माना लगाया है। भारती इन्फ्राटेल का नाम अब इंडस टावर्स हो गया है। सेबी ने पाया कि भारती इन्फ्राटेल ने 31 मार्च, 2017 की निर्धारित समय सीमा के भीतर कंपनी के 5,32,862 अतिरिक्त शेयरों का विनियोग न करके शेयर आधारित कर्मचारी लाभ (SBEB) के प्रविधानों का उल्लंघन किया है।


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