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MSME को 3 लाख करोड़ रुपये का फ्री लोन गारंटी, इस सेक्टर के लिए 10 बड़ी बात प्वाइंट में समझिये

मालूम हो कि सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग कुटीर उद्योग और गृह उद्योग मिलकर 12 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देते हैं।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 05:59 PM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 08:06 AM (IST)
MSME को 3 लाख करोड़ रुपये का फ्री लोन गारंटी, इस सेक्टर के लिए 10 बड़ी बात प्वाइंट में समझिये
MSME को 3 लाख करोड़ रुपये का फ्री लोन गारंटी, इस सेक्टर के लिए 10 बड़ी बात प्वाइंट में समझिये

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 20 लाख करोड़ के भारी भरकम पैकेज की डिटेल साझा की। सीतारमण ने इस दौरान कई सेक्टर के लिए एलान किए. उन्होंने आज सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSMEs) पर खास जोर दिया। सीतारमण ने MSMEs की मजबूती के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया। MSMEs के लिए मुख्य तौर पर छह बड़े ऐलान किए गए। हम इस खबर में आपको विस्तार से इसके बारे में बता रहे हैं।

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  • MSME को 3 लाख करोड़ रुपये का लोन गारंटी फ्री मिलेगा।
  • MSME को क्रेडिट फ्री लोन दिया जाएगा।
  • 45 लाख MSME को इससे फायदा मिलेगा।
  • MSME को एक साल तक ईएमआई चुकाने से मिली राहत।
  • फंड ऑफ फंड्स के जरिए MSMEs के लिए 50 हजार करोड़ रुपये इक्विटी इन्फ्यूजन किया जाएगा।
  • सरकार ने MSMEs की परिभाषा तय करने का फैसला किया है।
  • जिस MSME का टर्नओवर 100 करोड़ है वे 25 करोड़ तक लोन ले सकते हैं।
  • जो लोन दिया जाएगा उसे चार सालों में चुकाना है। यह 31 अक्टूबर 2020 तक वैलिड है।
  • स्ट्रेस्ड MSMEs के लिए 20 हजार करोड़ रुपये सब-ऑर्डिनेट डेट दिया जाएगा। 
  • इससे 2 लाख एमएसएमई को फायदा मिलेगा।

मालूम हो कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, कुटीर उद्योग और गृह उद्योग मिलकर 12 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देते हैं। इनके लिए 3 लाख करोड़ रुपये का कोलेटरल फ्री ऑटोमैटिक लोन का प्रवाधान किया गया है। किसी को अपनी ओर से गारंटी देने की जरूरत नहीं है। इसकी समयसीमा चार वर्ष की होगी। पहले एक वर्ष में मूलधन वापस नहीं करना पड़ेगा। 31 अक्टूबर, 2020 से इस स्कीम का फायदा उठाया जा सकता है। 

सीतारमण ने MSME की परिभाषा बदलने की बात कही। उन्होंने कहा कि 1 करोड़ रुपये तक निवेश करके 5 करोड़ तक का व्यापार करने वाली इंडस्ट्री सूक्ष्म मानी जाएगी। वहीं, 10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ तक व्यापार करने वाली इंडस्ट्री लघु और 20 करोड़ तक का निवेश और 100 करोड़ रुपये तक का व्यापार करने वाली इंडस्ट्री मध्यम मानी जाएगी।

 


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