इंडस्ट्री की तीसरी तिमाही के नतीजों पर होगा नोटबंदी का असर: मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटी
केंद्र सरकार की तरफ से किए गए नोटबंदी के फैसले से कंपनियों की तीसरी तिमाही के नतीजे प्रभावित हो सकते है
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की तरफ से किए गए नोटबंदी के फैसले से कंपनियों की तीसरी तिमाही के नतीजे प्रभावित हो सकते हैं। जिन क्षेत्रों में नोटबंदी का असद दिखेगा उसमें ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी, रिटेल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे क्षेत्र प्रमुख हैं। यह बात घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज ने कही है। गौरतलब है कि बीते 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान 500 और 1000 रुपए के नोट पर बैन लगा दिया था।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के मुताबिक पैसों के कम संचालन के साथ घरेलू खपत को झटका लगा है और नोटबंदी के अगले पांच दिन के भीतर लगभग हर क्षेत्र के बिजनेस में 30 से 80 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि वर्तमान पृष्ठभूमि को देखते हुए हमें अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के नतीजे सबसे प्रभावित होने की उम्मीद हैं।
लंबे समय तक चली नकदी समस्या, तो प्रभावित होंगे तीसरी तिमाही के नतीजे: सीआईआई
500 और 1000 रुपए के बड़े नोट बैन किए जाने का फैसला विशेष तौर पर खुदरा व्यापार में शामिल कंपनियों की तीसरी तिमाही की कमाई को प्रभावित कर सकता है। यह प्रभाव इस महीने के अंत तक नकदी की समस्या खत्म न होने तक जारी रहेगा। यह अनुमान भारतीय उद्योग परिसंघ सीआईआई ने लगाया है।
एक साक्षात्कार के दौरान सीआईआई के अध्यक्ष नौशाद फोर्ब्स ने सरकार से यह भी आग्रह किया कि करंट अकाउंट खाते से 50,000 रुपए की साप्ताहिक निकासी की 50,000 रुपए वाली सीमा को बढ़ाया जाए, ताकि कारोबार के लिए नकदी की पर्याप्त तरलता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने यह भी माना कि सरकार के इस कदम से लोगों को काफी असुविधा भी हुई है। फोर्ब्स ने बताया, “मेरा मानना है कि खुदरा व्यापार से जुड़ी कंपनियों पर नवंबर में असर होगा और इसमें कोई सवाल ही नहीं है। जितनी तेजी के नकदी बाजार में आएगी, उतनी ही तेजी से इनकी स्थिति में सुधार होगा। अगर नकदी की किल्लत जो आज आप देख रहे हैं वो अगर अगले महीने तक जारी रहती है तो आप निश्चित तौर पर देखेंगे कि तीसरी तिमाही की कमाई प्रभावित होगी।”