साइबर हमले से निपटने में अधिकतर कंपनियां सक्षम, मगर सता रही खर्च की चिंता
अधिकतर कंपनियों का मानना है कि अगले एक साल में साइबर हमलों की संख्या बढ़ेगी।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अधिकतर कंपनियों का मानना है कि अगले एक साल में साइबर हमलों की संख्या बढ़ेगी। लेकिन राहत की बात यह है कि कंपनियों का यह भी दावा है कि वे किसी भी ऐसे हमले से निपटने में पूरी तरह से सक्षम हैं।
अमेरिकी डाटा विश्लेषण कंपनी फिको द्वारा कराए गए सी-सुइट सर्वे 2018 के मुताबिक कंपनियों का यह भी आशंका है कि अगले एक साल में उनका साइबर सुरक्षा बजट बढ़ जाएगा। इस सर्वेक्षण को एक स्वतंत्र रिसर्च कंपनी ओवम ने अंजाम दिया। सर्वेक्षण बड़े ग्राहक आधार और 500 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों के वरिष्ठ सुरक्षा और आइटी अधिकारियों से पूछताछ पर आधारित है।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक करीब 88 फीसद भारतीय कंपनियों ने कहा कि साइबर तैयारी के मामले में उनकी स्थिति औसत से ज्यादा अच्छी है। हालांकि रिपोर्ट का यह भी कहना है कि साइबर जोखिम के स्तर को आंकड़ों के माध्यम से ठीक-ठीक मापने के पर्याप्त साधन नहीं हैं। इसलिए यह भी संभव है कि कंपनियां शायद अपने प्रदर्शन को वास्तविकता से बेहतर आंकती हों।
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय कंपनियां जहां जोखिम के स्तर को लेकर यथार्थवादी हैं और मानती हैं कि ये बढ़ेंगी, वहीं वे अपनी साइबर तैयारी को लेकर उतनी यथार्थवादी नहीं हैं। करीब 56 फीसद कंपनियों ने अगले साल साइबर हमले बढ़ने की आशंका जताई। वहीं 42 फीसद कंपनियों का मानना था कि साइबर हमले मौजूदा स्तर पर ही बने रहेंगे और दो फीसद का मानना था कि इसमें गिरावट आएगी।
एक हजार से पांच हजार के बीच कर्मचारी संख्या वाली मझोले आकार की कंपनियां इस मुद्दे पर सर्वाधिक सजग हैं और उनमें से 80 फीसदी का मानना है कि ये हमले बढ़ेंगे। सर्वेक्षण में शामिल किए गए उद्योगों में रिटेल और दूरसंचार में पिछले साल के मुकाबले साइबर अपराध के मामले में सर्वाधिक प्रगति नजर आती है। दोनों ही उद्योगों में 20 फीसद ने हमले में गिरावट दर्ज की है।1पिछले साल सर्वेक्षण में शामिल 47 फीसद वित्तीय सेवा कंपनियों ने कहा था कि साइबर हमलों में बढ़ोतरी हुई है, जबकि इसमें गिरावट की बात किसी भी कंपनी ने नहीं कही थी।
ताजा सर्वेक्षण में करीब 62 फीसद कंपनियों ने कहा कि उनका साइबर सुरक्षा बजट बढ़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक बजट में सर्वाधिक बढ़ोतरी वित्तीय सेवा कंपनियों में देखी जा सकती है। इस क्षेत्र की 67 फीसद कंपनियों ने बजट बढ़ने की उम्मीद जताई, जबकि रिटेल और ई-कॉमर्स में 60 फीसद ने और दूरसंचार में 53 फीसद कंपनियों ने ऐसी उम्मीद जताई।