नोटबंदी का असर: रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टैनली ने घटाया भारत के जीडीपी का अनुमान
रेटिंग फर्म मॉर्गन स्टैनली और बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने वर्ष 2016 में भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 7.7 फीसदी से घटाकर 7.4 फीसदी कर दिया है
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद रेटिंग फर्म मॉर्गन स्टैनली और बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने वर्ष 2016 में भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 7.7 फीसदी से घटाकर 7.4 फीसदी कर दिया है। इस कटौती के पीछे नोटबंदी के बाद कारोबार में आई गिरावट और मंदी के माहौल को कारण माना जा रहा है। यही नहीं, मॉर्गन स्टैनली ने वर्ष 2018 में देश की ग्रोथ रेट के अनुमान को भी 7.8 फीसदी से कम कर 7.6 फीसदी कर दिया है।
केंद्र सरकार की ओर से 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद किए जाने के बाद से देशभर में छोटे उद्योग, बाजार, मंडी, असंगठित क्षेत्र और छोटी कंपनियों में काम प्रभावित हुआ है। आपको बता दें कि 500 और 1000 रुपये के नोटों की देश में कुल प्रचलित मुद्रा में 86 फीसदी की हिस्सेदारी थी।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने अपने इंडियन एक्सपर्ट इंद्रनील सेन गुप्ता की रिपोर्ट के बाद भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाया है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'वित्त वर्ष 2017 में हम भारत के जीडीपी ग्रोथ में 30 बेसिस पॉइंट्स की कमी का अनुमान लगा रहे हैं। नोटबंदी के चलते दिसंबर में भी भारत के कारोबार प्रभावित होंगे। वर्ष 2018 में हमारा अनुमान है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी की बजाय 7.6 फीसदी तक ही सीमित रहेगी।'