2027 तक पैदा होंगी 14 लाख से अधिक नई आइटी नौकरियां
अध्ययन में कहा गया है कि आज के डिजिटल युग में अधिकतर उद्योगों के लिए अलग तरह की दक्षता की जरूरत पैदा हो रही है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। साइबर सुरक्षा, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) और बिग डाटा जैसी उभरती तकनीक में दक्ष कर्मियों की मांग बढ़ने से भारत में 2027 तक 14 लाख से अधिक नई आइटी नौकरियां पैदा होंगी। ग्लोबल नेटवर्किंग कंपनी सिस्को ने कहा कि यह कंपनियों द्वारा खोजी जा रही नई डिजिटल दक्षता पर आधारित वर्तमान नौकरियों के मुकाबले 46 फीसद अधिक है।
इंटरनेशनल डाटा कॉरपोरेशन (आइडीसी) द्वारा सिस्को के लिए किए गए अध्ययन ‘इन्फोब्रीफ’ में कहा गया है कि देश में आने वाले वर्षो में सोशल मीडिया एडमिनिस्ट्रेटर, मशीन लर्निग (एमएल) डिजाइनर और आइओटी डिजाइनर जैसी नौकरियों की मांग सबसे ज्यादा होगी। अध्ययन के मुताबिक करीब 89 फीसद हाइरिंग मैनेजर ने सर्टिफिकेशन वाले उम्मीदवारों पर पहले से अधिक भरोसा दिखाया, जबकि 88 फीसद ग्राहकों ने आखिरी उपयोगकर्ताओं को मिलने वाली सेवा के स्तर और सहायता में सुधार महसूस की।
तकनीक की दुनिया में तेजी से हो रहे बदलाव के महत्व को देखते हुए करीब 20 फीसद कर्मचारियों ने अपने खर्च पर सर्टिफिकेशन कोर्स पूरा किया और उनमें से करीब आधे ने 2017 में किसी न किसी प्रकार का प्रशिक्षण लिया।
अध्ययन में कहा गया है कि आज के डिजिटल युग में अधिकतर उद्योगों के लिए अलग तरह की दक्षता की जरूरत पैदा हो रही है, जिसके कारण लोगों के काम करने की जगह और तरीके में भी बदलाव हो रहा है। परिणामस्वरूप आइटी कंपनियों को इन विशिष्ट भूमिकाओं के लिए बहाली करने में दिक्कत महसूस हो सकती है। ऐसे में सर्टिफिकेशन कार्यक्रम के जरिए कर्मचारियों की दक्षता बढ़ानी होगी।
उल्लेखनीय है कि जुलाई में आई नैसकॉम की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि देश में विभिन्न सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) और बिग डाटा एनालिटिक्स सेगमेंट में करीब 1.4 लाख नौकरियों की जगह खाली पड़ी है, जबकि कुल मांग 5.1 लाख कर्मचारियों की है।