चालू वित्त वर्ष में GDP में -11.5 फीसद की ग्रोथ का अनुमान, अगले वित्त वर्ष में रह सकती है 10.6 फीसद की ग्रोथ: Moody's
रेटिंग एजेंसी Moodys ने आगामी वित्त वर्ष अर्थात 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 10.6 फीसद की दर से विकास करने का अनुमान जताया है। PC Pixabay
नई दिल्ली, पीटीआइ। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था में ग्रोथ के अनुमान को और कम कर दिया है। एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर -11.5 फीसद कर दिया है। इससे पहले एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए -4 फीसद की ग्रोथ का अनुमान व्यक्त किया था। मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कमजोर वित्तीय व्यवस्था, कर्ज का बोझ बढ़ने व धीमी ग्रोथ के चलते भारत की क्रेडिट प्रोफाइल पर दबाव बढ़ा है। वहीं, कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप कम नहीं होने से स्थिति और चिंताजनक हो गई है।
रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली के गहरे दबाव में होने के चलते राजकोषीय स्थिति पर और बुरा असर पड़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप देश की क्रेडिट प्रोफाइल पर दबाव और बढ़ सकता है। गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अर्थात अप्रैल से जून महीने के दौरान जीडीपी में -23.9 फीसद की ग्रोथ दर्ज की गई थी।
हालांकि, रेटिंग एजेंसी ने आगामी वित्त वर्ष अर्थात 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 10.6 फीसद की दर से विकास करने का अनुमान जताया है। अगले वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ के लिए मूडीज का यह अनुमान कुछ राहत की बात है।
मूडीज के अलावा भी कई घरेलू व विदेशी रेटिंग एजेंसियां चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी में नकारात्मक ग्रोथ का अनुमान व्यक्त कर चुकी हैं। रेटिंग एजेंसी फिच ने मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी में -10.5 फीसद ग्रोथ का अनुमान जताया था। वहीं, क्रिसिल ने -9 फीसद और इंडिया रेटिंग्स ने -11.8 फीसद की ग्रोथ का अनुमान व्यक्त किया था।