GST से टैक्स रेट में आई है कमी, टैक्सपेयर्स की संख्या में हुई वृद्धिः वित्त मंत्रालय
सालाना डेढ़ करोड़ रुपये तक की आमदनी वाले कारोबारी सरकार के कम्पोजिशन स्कीम को चुन सकते हैं। (PC PTI)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि जीएसटी से टैक्स रेट में कमी आई है। इससे अनुपालन एवं टैक्सपेयर्स बेस को लगभग दोगुना करने में मदद मिली। मंत्रालय के मुताबिक देश में अप्रत्यक्ष कर से जुड़े असेसीज 1.24 करोड़ हो गए हैं। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि पर सिलसिलेवार ट्वीट कर वित्त मंत्रालय ने कहा कि GST लागू होने से पहले वैल्यू एडेड टैक्स (VAT), उत्पाद एवं बिक्री कर को मिलाकर लोगों को 31 फीसद तक का टैक्स देना पड़ता था। इसी कड़ी में 40 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वाले कारोबारियों को जीएसटी से छूट देने की घोषणा का भी उल्लेख किया गया है। पहले यह सीमा 20 लाख रुपये तक की थी।
इसके अलावा जिन कारोबारियों की वार्षिक आमदनी 1.5 करोड़ रुपये तक है, वे कम्पोजिशन स्कीम को चुन सकते हैं। पूर्व में 75 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले कारोबारी ही कम्पोजिशन स्कीम को चुन सकते थे। वित्त मंत्रालय की ओर से किए गए ट्वीट में विनिर्माताओं के लिए कम्पोजिशन रेट में कमी का भी उल्लेख है।
वित्त मंत्रालय की ओर से किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में कहा गया है कि जीएसटी को लागू किए जाने के बाद से अधिकतर चीजों पर लगने वाले टैक्स रेट में कमी की गई है। मंत्रालय ने कहा है कि अब 28 फीसद के टैक्स स्लैब के अंतर्गत केवल विलासिता से जुड़ी चीजें एवं अहितकर वस्तुएं ही रह गए हैं। इस टैक्स स्लैब के अंतर्गत 230 वस्तुएं थी लेकिन करीब 200 वस्तुओं को कम टैक्स वाले स्लैब में शिफ्ट कर दिया गया।
Now, Businesses with an annual turnover of up to Rs 40 lakh are GST exempt. Initially, this limit was Rs 20 lakh. Additionally, those with a turnover up to Rs 1.5 crore can opt for the Composition Scheme and pay only 1% tax. (1/5) pic.twitter.com/Jy589R1qNV
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) August 24, 2020
Once GST was implemented, the tax rate on a large number of items was brought down. As of now, the 28% rate is almost solely restricted to sin and luxury items. Out of a total of about 230 items in the 28% slab, about 200 items have been shifted to lower slabs. (2/5)
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) August 24, 2020
मंत्रालय ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि निर्माण क्षेत्र एवं खासकर आवासीय सेक्टर को बड़ी राहत दी गई है। इसे अब पांच फीसद के टैक्स स्लैब के अंतर्गत रखा गया है। सस्ते मकानों पर जीएसटी की दर अब एक फीसद रह गई है।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक टैक्सपेयर्स का बेस करीब दोगुना हो गया है। जीएसटी लागू होने के समय असेसीज की संख्या करीब 65 लाख थी जो अब बढ़कर 1.24 करोड़ तक पहुंच गई है।
(यह भी पढ़ेंः ATM से बिना कार्ड के भी निकाल सकते हैं पैसा, बहुत आसान है तरीका)
अब जीएसटी से जुड़ी सारी प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमैटेड हो गई है। अब तक 50 करोड़ रिटर्न ऑनलाइन फाइल किए जा चुके हैं और 131 करोड़ ई-बिल जेनरेट हुए हैं।