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रियल एस्टेट सेक्टर को संकट से उबारेगी मोदी सरकार, कई विकल्पों पर हो रहा काम

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो अलग-अलग बैठकें कीं जिसमें रियल एस्टेट क्षेत्र में पूंजी संकट मांग में कमी और परियोजनाओं में अड़चनों पर चर्चा की गई।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 12 Aug 2019 09:09 AM (IST)Updated: Mon, 12 Aug 2019 09:29 AM (IST)
रियल एस्टेट सेक्टर को संकट से उबारेगी मोदी सरकार, कई विकल्पों पर हो रहा काम
रियल एस्टेट सेक्टर को संकट से उबारेगी मोदी सरकार, कई विकल्पों पर हो रहा काम

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार जल्द ही रियल एस्टेट को संकट से उबारने के समुचित प्रयास करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी दिशा में कदम उठाते हुए रविवार को रियल एस्टेट उद्योग के प्रतिनिधियों और मकान खरीदने वालों के साथ इस क्षेत्र की समस्याएं समझने और उन्हें हल करने के उपायों पर मंथन किया। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र को संकट से उबारने के लिए सरकार एक विशेष फंड स्थापित कर सकती है।

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वित्त मंत्री ने दो अलग-अलग बैठकें कीं, जिसमें रियल एस्टेट क्षेत्र में पूंजी संकट, मांग में कमी और परियोजनाओं में अड़चनों पर चर्चा की गई। पहली बैठक में रियल एस्टेट क्षेत्र के दो प्रमुख संगठनों- क्रेडाई और नारेडको के साथ, जबकि दूसरी बैठक मकान खरीदने वाले लोगों के साथ हुई। बैठक में आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर और कंपनी मामलों के मंत्रलय के अधिकारी, वित्त मंत्रलय के आर्थिक कार्य विभाग, राजस्व विभाग व सीबीडीटी के वरिष्ठ अधिकारी तथा रेरा के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

सूत्रों के मुताबिक कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीआरईडीएआइ/क्रेडाई) और नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (एनएआरईडीसीओ/नारेडको) के प्रतिनिधियों ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र मांग कमजोर होने तथा पूंजी की कमी के चलते संकट के दौर से गुजर रहा है। इसलिए बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को परियोजनाओं के वित्त-पोषण के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने इस पर भी चिंता जताई कि आगामी त्यौहारी सीजन में इस क्षेत्र की स्थिति और खराब हो सकती है, जबकि आमतौर पर उन दिनों इस क्षेत्र में मांग बढ़ती है।

सूत्रों का कहना है कि आने वाले हफ्तों में कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हो सकती है। इसमें अटकी परियोजनाओं को गति देने और लाखों मकान खरीदारों को संकट से निकालने के लिए एक फंड स्थापित किया जा सकता है। बैठक के बाद पुरी ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में सार्थक चर्चा हुई। बैठक में कई मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट की गई। सरकार आने वाले दिनों में कई मुद्दों का समाधान करेगी। इस चर्चा के साथ ही रियल एस्टेट क्षेत्र की समस्याओं के निदान की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। पिछले कुछ समय से गंभीर पूंजीगत दिक्कतों से जूझ रहा है सेक्टर।

पुरी ने कहा कि मकान खरीददारों और रुकी हुई परियोजनाओं की जो भी समस्याएं हैं हम उनका समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। कई मकान खरीदने वाले सुप्रीम कोर्ट गए हैं और अदालत ने इसमें निर्णय भी दिए हैं। यह बेहद जटिल मुद्दा है लेकिन सरकार, रियल एस्टेट उद्योग और मकान खरीदने वालों में अच्छी भावना की बदौलत जो भी समस्याएं होंगी उनका हल निकाल लिया जाएगा।

जब उनसे उस फंड स्थापित किए जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने बस इतना कहा कि कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। क्रेडाई के प्रेसिडेंट जे शाह ने कहा कि बैठक बेहद सकारात्मक रही। सरकार रियल एस्टेट क्षेत्र की समस्याओं से वाकिफ है। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में कुछ ठोस परिणाम देखने को मिलेंगे। नारेडको के प्रेसिडेंट निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि पूरी अर्थव्यवस्था की तरह ही रियल एस्टेट क्षेत्र भी संकट से गुजर रहा है। हमें प्रसन्नता है कि वित्त मंत्री तथा आवास मंत्री ने हमारी बात सुनी है। जेपी ग्रुप के होमबायर्स ने कहा कि कंपनी के पास भू-संपत्तियां होने के बावजूद परियोजनाओं को पूरा नहीं किया जा रहा है।

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