साइरस मिस्त्री ने लगाया रतन टाटा पर बड़ा आरोप, कहा आईबीएम को बेचना चाहते थे टीसीएस
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने रतन टाटा पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रतन टाटा कंसल्टेंसी लिमिटेड (टीसीएस) को दुनिया की टॉप कंपनी आईबीएम को बेचना चाहते थे।
नई दिल्ली: रतन टाटा और साइरस मिस्त्री के बीच जारी बोर्डरुम का विवाद अब एक नए मोड़ पर आ गया है। मंगलवार को टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने रतन टाटा पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रतन टाटा कंसल्टेंसी लिमिटेड (टीसीएस) को दुनिया की टॉप कंपनी आईबीएम को बेचना चाहते थे। आपको बता दें कि टीसीएस टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी है और इसके जरिए ही ग्रुप को अच्छी खासी कमाई होती है। गौरतलब है कि बीते 28 अक्टूबर को साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था।
मिस्त्री ने टाटा पर और क्या आरोप लगाए:
साइरस मिस्त्री ने टाटा पर यह आरोप भी लगाया है कि उनके ईगो के कारण ही ग्रुप ने कुछ खराब फैसले लिए। इन्हीं खराब फैसलों में कोरस ग्रुप को उसकी ओरिजिनल कॉस्ट से दोगुनी कीमत पर खरीदने का फैसला प्रमुखता से शामिल है।
मिस्त्री के ऑफिस से जारी हुआ है 5 पेज का स्टेटमेंट:
मिस्त्री के ऑफिस की ओर से 5 पेज के स्टेटमेंट में लिखा है कि रतन टाटा के कार्यकाल के दौरान टीसीएस को ‘डेथ एक्सपीरियंस’ हुआ। मिस्त्री ने कहा कि एक समय रतन टाटा ने टीसीएस को आईबीएम के हाथों बेचने की तैयारी भी कर ली थी। आपको बता दें कि टीसीएस को टाटा संस में ‘ग्रुप ज्वेल’ कहा जाता है। टाटा ग्रुप ने अपने एक बयान में कहा था कि टीसीएस और जेएलआर की सफलता में मिस्त्री ने कोई योगदान नहीं दिया था। इसके जवाब में मिस्त्री ने कहा कि उनके खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है।
मिस्त्री ने कोरस डील के जरिए रतन टाटा पर साधा निशाना:
साइरस मिस्त्री ने कहा कि कोरस डील रतन टाटा के ‘ईगो’ का नतीजा थी। उन्होंने कहा कि इस डील के लिए ऊंची कीमत चुकाई गई थी। मिस्त्री ने बताया कि यूरोपियन स्टील कंपनी के लिए 12 अरब डॉलर की बोली लगाने पर बोर्ड के कई सदस्य और ग्रुप के कुछ एग्जीक्यूटिव्स ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इन लोगों की आपत्ति के पीछे दलील यह थी कि करीब एक साल पहले तक यह यूरोपियन कंपनी महज आधी कीमत पर बिक रही थी।