Mirae Asset Mutual Fund: लॉन्च हुआ मिरे एसेट बैंकिंग ऐंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड, 4 दिसंबर तक हो सकेगा सब्सक्रिप्शन
इक्विटी और डेट सेगमेंट के फंड हाउस मिरे एसेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया ने ‘मिरे एसेट बैंकिंग ऐंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड नाम से एक एनएफओ लॉन्च किया है। यह एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है जो बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र में निवेश करती है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। इक्विटी और डेट सेगमेंट के फंड हाउस मिरे एसेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया ने ‘मिरे एसेट बैंकिंग ऐंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड' नाम से एक एनएफओ लॉन्च किया है। यह एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है, जो बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र में निवेश करती है। यह एनएफओ सब्सक्रिप्शन के लिए 25 नवंबर, 2020 को खुल गया है। यह नया फंड ऑफर (NFO) 4 दिसंबर, 2020 को बंद होगा। इस फंड का प्रबंधन हर्षद बोरावाके और गौरव कोचर द्वारा किया जा रहा है।
जानिए क्या हैं एनएफओ की विशेषताएं
फंड हाउस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह फंड भारत में सूचीबद्ध बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी बैंकों, विदेशी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में निवेश कर सकता है। यह फंड एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs), जीवन एवं गैर-जीवन बीमा कंपनियों, ब्रोकिंग कंपनियों, रेटिंग एजेंसियों, एक्सचेंजों, वेल्थ मैनेजमेंट कंपनियों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) माइक्रोफाइनेंस कंपनियों और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनियों में भी निवेश कर सकता है। इस फंड का लक्ष्य उच्च ग्रोथ रेट हासिल करने वाली कंपनियों की पहचान करना है, जिनका रिटर्न रेश्यो ऊंचा हो और जो टिकाऊ प्रतिस्पर्धी फायदा रखती हों। फंड का लक्ष्य ऐसी मजबूत ग्रोथ वाली कंपनियों का पोर्टफोलियो तैयार करना है, जो हमारे सबसे आकर्षक निवेश आइडिया को प्रतिबिंबित करती हों।
मिरे एसेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ स्वरूप मोहंती ने कहा, ''बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्र न केवल सबसे बड़ा है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे विविधता वाला और सबसे बड़ा क्षेत्र भी है। पिछले 2-3 दशकों में इस सेक्टर ने अपने अंदर बदलाव करते हुए सिर्फ बैंक से आगे अब दूसरे संबंधित कारोबार जैसे एनबीएफसी, बीमा, एएमसी और पूंजी बाजार के खिलाड़ियों तक विस्तार किया है। सरकार को उम्मीद है कि अगले वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़कर 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचेगी और बैंकिंग वित्तीय सेवाएं एवं बीमा (BFSI) क्षेत्र, जो अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इस तरक्की का वाहक हो सकता है। इसलिए बीएफएसआई को दीर्घकालिक कहानी की तरह देखना होगा, न कि सिर्फ चक्रीय अवसर के रूप में।''
उन्होंने आगे कहा, ''वित्तीय सेवाओं की पैठ में सुधार, कर्ज की उपलब्धता बढ़ने और अर्थव्यवस्था में सुधार के सरकार के दीर्घकालिक लक्ष्यों को बैंकों और वित्तीय सेवा क्षेत्र के साथ कदम से कदम मिलाकर हासिल किया जा सकता है। इसलिए यह अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने का प्रमुख इंजन बना हुआ है। हमारा यह मानना है कि जैसे-जैसे महामारी के बाद वाले दौर में आर्थिक सेंटिमेंट में सुधार होगा, यह सेक्टर भारत के आर्थिक पुनरुद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।”