'जबरन' अधिग्रहण से माइंडट्री को बचाने पहुंचे सुब्रतो बागची, ओडिशा सरकार से दिया इस्तीफा
गौरतलब है कि माइंडट्री के सबसे बड़े शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी को बेचने के लिए कथित रूप से प्रतिस्पर्धी कंपनी से बातचीत कर रहे हैं।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अधिग्रहण की कोशिशों से आईटी कंपनी माइंडट्री को बचाने के लिए कंपनी के पूर्व सह संस्थापकों में से एक सुब्रतो बागची ने सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया है।
बागची ओडिशा स्किल डिवेलपमेंट अथॉरिटी के प्रमुख के पद पर काम कर रहे थे। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा, 'माइंडट्री का जबरन अधिग्रहण किए जाने की कोशिश की वजह से मैंने (ओडिशा) सरकार से इस्तीफा दिया है। ताकि मैं वहां जाकर कंपनी को बचा सकूं।'
बागची अब बेंगलुरू जाएंगे, जहां कंपनी का मुख्यालय है। उन्होंने कहा, 'मुझे उस पेड़ को उन लोगों से बचाना है, जो बुलडोजर और आरी लेकर उसे खत्म करना चाहते हैं, ताकि उस जगह पर शॉपिंग मॉल का निर्माण किया जा सके।'
माइंडट्री को राष्ट्रीय संपत्ति बताते हुए बागची ने कहा कि यह ऐसी ''संपत्ति'' नहीं है, जिसे बेचा और खरीदा जा सके।
बागची ने कहा, 'मुझे मुश्किल के समय में वहां होना चाहिए। इसलिए मैंने लौटने का मुश्किल निर्णय लिया है।'
गौरतलब है कि माइंडट्री के सबसे बड़े शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी को बेचने के लिए कथित रूप से प्रतिस्पर्धी कंपनी से बातचीत कर रहे हैं।
बागची ने 1999 में माइंडट्री की स्थापना की थी । 2016 में वह कंपनी के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन के पद से इस्तीफा अपने गृह राज्य ओडिशा लौट आए थे।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मतुबाकि लार्सन एंड टुब्रो, माइंडट्री के सबसे बड़े शेयरधारक वी जी सिद्धार्थ की पूरी हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक माइंडट्री में नियंत्रण हिस्सेदारी लेने के लिए लार्सन एंड टुब्रो ओपन ऑफर लाने की योजना पर काम कर रही है।
वहीं, अधिग्रहण की कोशिश को रोकने के लिए माइंडट्री शेयर बॉयबैक की योजना बना रही है। कंपनी ने इस हफ्ते बोर्ड की बैठक बुलाई है।
स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में माइंडट्री ने बताया है कि कंपनी की बोर्ड मीटिंग 20 मार्च को होगी, जिसमें शेयर बॉयबैक पर विचार किया जाएगा। माइंडट्री ने इससे पहले 2017 में बॉयबैक किया था। सोमवार को बीएसई में कंपनी का शेयर करीब एक फीसद से अधिक की तेजी के साथ ट्रेड कर रहा है।
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