Lockdown के कारण नहीं होगी प्राइवेट गार्डों की छंटनी और न ही कटेगा वेतन, गृह मंत्रालय ने दिए निर्देश
Private Security Agencies कोरोना वायरस महामारी के चलते 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान गार्डों की छंटनी या उनके वेतन में कटौती न की जाए।
नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निजी सुरक्षा एजेंसियों से कहा है कि वे कोरोना वायरस महामारी के चलते 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान गार्डों की छंटनी या उनके वेतन में कटौती न करें। गृह मंत्रालय ने निजी सुरक्षा उद्योग के केंद्रीय संघों, सीआईआई, फिक्की, एसोचैम और अन्य को लिखे पत्र में कहा कि भारत कोविड-19 के प्रकोप के चलते एक असाधारण हालात का सामना कर रहा है। इस महामारी और बंद के चलते आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं और दुकानें, मॉल और अन्य प्रतिष्ठान बंद होने के कारण निजी सुरक्षा एजेंसियां प्रभावित हो सकती हैं। गृह मंत्रालय ने कहा है, 'यह निजी सुरक्षा उद्योग के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाने का वक्त है' और उन्हें अपने कर्मचारियों को छंटनी से बचाना चाहिए।
मंत्रालय ने पत्र में कहा, मैं अपने कार्यबल के साथ उद्योग के लिए सहानुभूति रखने का आग्रह करता हूं, इसलिए यह सुनिश्चित करना है कि इन श्रमिकों को ऑन ड्यूटी माना जाए और इनके वेतन का भुगतान किया जाए।
केंद्रीय निजी सुरक्षा उद्योग संघ (CAPSI) के अध्यक्ष कुंवर विक्रम सिंह ने केंद्र सरकार की अपील का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय स्वागत योग्य है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि निजी सुरक्षा गार्ड कोरोनोवायरस प्रकोप के कारण सामने आने वाली वित्तीय चुनौतियों का सामना कर सकें।
सिंह ने कहा कि सरकार का यह कदम निजी सुरक्षा उद्योग को समाज और देश के लिए अधिक समर्पण के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
उन्होंने कहा कि निजी सुरक्षा गार्ड अपनी जान जोखिम में डालकर एक सराहनीय काम कर रहे हैं और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार और अन्य सभी लोगों के प्रयासों में योगदान देने की कोशिश कर रहे हैं।
कोरोना से निजी सुरक्षा गार्ड की नौकरी न चली जाए और वेतन में कटौती न हो इसके लिए CAPSI ने हाल ही में अपने सदस्यों की आजीविका को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की थी।