जल्द शुरू हो सकती है पाक को पेट्रो उत्पादों की बिक्री
न्यूयॉर्क में अगले दो दिनों के भीतर जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से मिलेंगे, तब दोनों देशों के बीच पहली बार पेट्रोलियम उत्पादों के कारोबारी रिश्ते की शुरुआत पर भी रजामंदी बन सकती है। सरकारी तेल कंपनियों को यह संकेत दे दिया गया है कि वे पाकिस्तान को पेट्रोलियम उत्पादों की आपू
नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। न्यूयॉर्क में अगले दो दिनों के भीतर जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से मिलेंगे, तब दोनों देशों के बीच पहली बार पेट्रोलियम उत्पादों के कारोबारी रिश्ते की शुरुआत पर भी रजामंदी बन सकती है। सरकारी तेल कंपनियों को यह संकेत दे दिया गया है कि वे पाकिस्तान को पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति शुरू करने के लिए तैयार रहें। केंद्र सरकार इसके लिए इतनी जल्दी में है कि पाक सीमा तक पाइपलाइन बिछने का इंतजार भी नहीं करना चाहती। भारत सरकार फिंलहाल ट्रकों से ही पेट्रोल, डीजल व सीएनजी की आपूर्ति शुरू करने को तैयार है।
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हिंदुस्तान पेट्रोलियम [एचपीसीएल] के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, पाकिस्तान को पेट्रो उत्पादों की आपूर्ति करने के लिए हमारी पूरी तैयारी है। इस बारे में अब उच्च स्तर पर फैसला होना है। जब तक दोनों मुल्कों के बीच पाइपलाइन नहीं बिछाई जाती है तब तक हमें ट्रकों के जरिये ही पाक को जरूरी पेट्रो उत्पादों की आपूर्ति करने की व्यवस्था करने को कहा गया है। एचपीसीएल और मित्तल समूह की बठिंडा [पंजाब] में रिफाइनरी है। पड़ोसी देश को फिलहाल इसी रिफाइनरी से ही पेट्रोल, डीजल या रसोई गैस की आपूर्ति की जाएगी।
पाकिस्तान में नवाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद से दोनों देशों के बीच पेट्रोलियम उत्पादों का द्विपक्षीय कारोबार शुरू करने को लेकर तीन चरणों में बातचीत हो चुकी है। भयंकर ऊर्जा संकट से जूझ रहे पाक ने भारत से एलएनजी के साथ पेट्रोल और डीजल खरीदने की भी इच्छा जताई है। इसके लिए भारत सरकार ने जालंधर से पाक सीमा तक 110 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाने का प्रस्ताव किया है। पाइपलाइन बिछाने की योजना सरकारी गैस मार्केटिंग कंपनी गेल लिमिटेड तैयार कर चुकी है। योजना यह है कि पहले एलएनजी [लिक्विफाइड नेचुरल गैस] को भारत आयात किया जाएगा। इसके बाद उसे प्राकृतिक गैस में तब्दील कर पाक को बेचा जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक दोनों मुल्कों के प्रधानमंत्रियों के बीच होने वाली बैठक में इस बारे में अंतिम सहमति बनने के आसार है। उसके बाद पाइपलाइन बिछाने में डेढ़ वर्ष का समय लगेगा। लेकिन सरकार तब तक इंतजार करने के बजाय फिलहाल पाकिस्तान को ट्रकों के जरिये ही पेट्रो उत्पाद बेचने के लिए तैयार है। भारत ने पाकिस्तान को 500 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करने का भी प्रस्ताव किया है। पाक इसके लिए तैयार है, लेकिन इसकी खातिर भी पहले पंजाब सीमा पर ग्रिड कनेक्शन स्थापित करना होगा। इसमें एक वर्ष का समय लग सकता है।