Maruti Suzuki के मुनाफे में आई आठ सालों की सबसे बड़ी तिमाही गिरावट
Maruti Suzuki India के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही और पहली छमाही के नतीजे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले बेहद खराब रहे हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। ऑटो सेक्टर के तिमाही वित्तीय नतीजों में मंदी का साया उभरकर सामने आता दिख रहा है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआइएल) के शुद्ध लाभ में आठ वर्षो की सबसे बड़ी तिमाही गिरावट हुई है। कंपनी के मुताबिक वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर, 2019) में उसका का कंसोलिडेटेड शुद्ध मुनाफा 38.99 प्रतिशत घटकर 1,391.1 करोड़ रुपये रह गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में कंपनी का मुनाफा 2,280.20 करोड़ रुपये रहा था। इससे पहले वित्त वर्ष 2011-12 की दूसरी तिमाही में कंपनी के शुद्ध मुनाफे में 56 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई थी।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी का परिचालन राजस्व 25.19 प्रतिशत घटकर 16,123.2 करोड़ रुपये रह गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इस मद में मारुति सुजुकी को 21,553.7 करोड़ रुपये हासिल हुए थे। जहां तक कारों की बिक्री संख्या का सवाल है, तो समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी ने 30.2 प्रतिशत गिरावट के साथ 3,38,317 यूनिट कारों की बिक्री की।
इसलिए कमजोर रहे नतीजे
नतीजों के बारे में मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही और पहली छमाही के नतीजे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले बेहद खराब रहे हैं। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की बिक्री में 22 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। इसका असर बाकी सभी चीजों पर दिखा है।
भार्गव के मुताबिक इस वर्ष वाहन उद्योग ने कई वजहों से बिक्री में बड़ी गिरावट देखी। एक्विजिशन की लागत बढ़ना, सुरक्षा एवं प्रदूषषण को लेकर कड़े मानदंड, बीमा खर्च और कई राज्यों में रोड टैक्स बढ़ोतरी जैसी वजहों के चलते वाहन उद्योग के सामने बड़ी मुश्किलें आई हैं। फाइनेंस की कमजोर उपलब्धता के कारण कई लोग चाहकर भी वाहन नहीं खरीद पा रहे हैं। इसके अलावा बैंकों ने भी आरबीआइ की तरफ से रेपो रेट में कटौती का पूरा फायदा अभी तक ग्राहकों को नहीं दिया।
PC:Pixabay