सिर्फ छोटी कारों के भरोसे नहीं मारुति और हुंडई
भारतीय कार बाजार का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। अभी तक छोटी कारों के जरिए बाजार में अग्रणी स्थान रखने वाली कंपनियों की नजर दूसरी श्रेणी के बाजारों पर है। मारुति सुजुकी, हुंडई और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों ने अपने ‘कम्फर्ट जोन’ से बाहर निकल कर बड़े व एसयूवी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय कार बाजार का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। अभी तक छोटी कारों के जरिए बाजार में अग्रणी स्थान रखने वाली कंपनियों की नजर दूसरी श्रेणी के बाजारों पर है। मारुति सुजुकी, हुंडई और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों ने अपने ‘कम्फर्ट जोन’ से बाहर निकल कर बड़े व एसयूवी वर्ग के जरिये भारतीय बाजार में आगे बढ़ने की रणनीति बनाई है।
अगस्त, 2015 में कारों की बिक्री के आंकड़ों से पता चलता है कि इन कंपनियों की यह रणनीति कुछ असर भी दिखा रही है।1देश की दिग्गज कार कंपनी मारुति सुजुकी के सीईओ व एमडी केनिची आयुकावा का कहना है- ‘भारत का कार बाजार अब परिपक्व हो रहा है। प्रमुख कार कंपनी होने के नाते हमें भी ग्राहकों के बदलती पसंद के मुताबिक वाहन लाने होंगे। कंपनी ने पिछले महीने एस क्रॉस को भारतीय बाजार में पेश किया है। मंगलवार को कंपनी ने हाइब्रिड सियाज लांच किया है।’
दरअसल, कंपनी की छोटी कारों की बिक्री की रफ्तार लगातार घट रही है। अगस्त में अल्टो, वैगन आर जैसी छोटी कारों की बिक्री में महज 8.6 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। कंपनी की फरवरी, 2016 तक दो और प्रीमियम कारें लांच करने की तैयारी है। अगर बिक्री के हिसाब से देखें तो मारुति की सभी कारों की बिक्री पिछले महीने 6.4 फीसद की रफ्तार से बढ़ी है। इस दौरान कंपनी ने 1,06,781 कारें बेची हैं। यही हाल देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी हुंडई मोटर का भी है। हुंडई ने जुलाई में अपनी नई प्रीमियम एसयूवी क्रेटा लांच की थी।