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अमेरिकी संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए जुकरबर्ग, बेजोस, पिचाई और कुक

सिसिलीन की उपसमिति आलोचकों के उन आरोपों की जांच कर रही है जिनके मुताबिक इन कंपनियों ने अपने कारोबारी तरीकों से प्रतिस्पर्धियों और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 07:19 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 08:15 AM (IST)
अमेरिकी संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए जुकरबर्ग, बेजोस, पिचाई और कुक
अमेरिकी संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए जुकरबर्ग, बेजोस, पिचाई और कुक

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अमेरिका की चार सबसे बड़ी तकनीकी कंपनियों के सीईओ बुधवार को अमेरिकी संसद की न्यायिक समिति के एंटीट्रस्ट पैनल के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए। इनमें फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग, अमेजन के जेफ बेजोस, गूगल के सुंदर पिचाई और एपल के टिम कुक शामिल हैं।

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डेमोक्रेट सांसद और एंटीट्रस्ट उपसमिति के अध्यक्ष डेविड सिसिलीन ने कहा कि मार्च में अमेरिकी अर्थव्यवस्था बंद होने से पहले चारों कंपनियां बेहद विशाल थीं। हालांकि, उनके पहले से भी मजबूत और शक्तिशाली होकर उभरने की संभावना है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके पास बहुत ताकत है। जहां वे अभी भी कुछ नए उत्पाद बना सकती हैं। वहीं, उनका प्रभुत्व छोटे कारोबारों, उत्पादन इकाइयों और समग्र गतिशीलता को खत्म कर रहा जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था के इंजन हैं।

बता दें कि सिसिलीन की उपसमिति आलोचकों के उन आरोपों की जांच कर रही है जिनके मुताबिक इन कंपनियों ने अपने कारोबारी तरीकों से प्रतिस्पर्धियों और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाया है। जबकि इन सीईओ ने यह कहकर अपना बचाव किया कि उन्हें भी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। अपनी शुरुआती टिप्पणी में जुकरबर्ग ने कहा कि चीन इंटरनेट का अपना संस्करण ला रहा है जो बिल्कुल ही अलग नजरिये पर फोकस है और वह अपने वर्जन की अन्य देशों में संभावनाएं तलाश रहे हैं। एपल के कुक ने इस बात की ओर समिति का ध्यान आकर्षित किया कि स्मार्टफोन के बेहद प्रतिस्पर्धी बाजार में चीन की हुवेई भी शामिल है जो अमेरिकी सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।

इससे पहले मंगलवार को इन सीईओ ने माना था कि वे एक-दूसरे पर नजर रखते हैं क्योंकि अगर वह ऐसा नहीं करेंगे तो पिछड़ जाएंगे। सुंदर पिचाई ने तर्क दिया कि वह प्रासंगिक बने रहने के बारे में हमेशा चिंतित रहते हैं क्योंकि अगर ऐसा नहीं करेंगे तो लोग जानकारी के लिए ट्विटर के पिनटेरेस्ट या दूसरी वेबसाइटों का रुख करने को मजबूर होंगे। बेजोस के मुताबिक अमेजन का समग्र खुदरा बाजार में बहुत छोटा सा हिस्सा है। उसकी वॉलमार्ट जैसी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा है जो उसके मुकाबले आकार में दोगुनी हैं। महामारी के दौरान सिर्फ अमेजन ही नहीं सभी तरह की ई-कॉमर्स कंपनियों का व्यवसाय बढ़ा है।

(यह खबर रॉयटर्स की रिपोर्ट पर आधारित है।)


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