अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए मनमोहन सिंह ने दिया मोदी सरकार को ये मंत्र
अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री रहे मनमोहन सिंह ने गुरुवार को एनडीए सरकार पर हमला बोला।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री रहे मनमोहन सिंह ने गुरुवार को एनडीए सरकार पर हमला बोला। सिंह ने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को अखबारों की सुर्खियों में छाए रहने बजाये देश के सामने मौजूदा आर्थिक चुनौतियों से निपटने पर ध्यान देना चाहिए। 'द हिन्दू बिजनसलाइन' को दिए इंटरव्यू में मनमोहन सिंह ने कहा, 'हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते हैं कि देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पहले ही, काफी सारा समय निकल चुका है। हर क्षेत्र को राहत देने के लिए अलग-अलग उपाय करने के दृष्टिकोण में राजनीतिक ताकत का व्यर्थ इस्तेमाल करने या नोटबंदी जैसी ऐतिहासिक गलती करने के बजाय सरकार के लिए अगली पीढ़ी का स्ट्रक्चरल रिफॉर्म करने का सही वक्त आ गया है।'
मनमोहन सिंह ने सरकार पर उंगलियां ऐसे समय में उठाई हैं जब अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता है। हालांकि, सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए हाल के दिनों में कई उपायों की घोषणा की है।
दो बार मिले जनादेश का फायदा उठाएं
मनमोहन सिंह ने कहा, 'यह याद रखना जरूरी है कि यह एक ऐसी सरकार है, जिसे भारी जनादेश मिला है वह भी एक बार नहीं, बल्कि लगातार दो-दो बार। जब मैं वित्त मंत्री बना था या प्रधानमंत्री बना था, तब हमें इतना बड़ा जनादेश नहीं मिला था। इसके बावजूद, हमने काफी उपलब्धियां हासिल कीं और देश को 1991 के संकट और 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट से सफलतापूर्वक बाहर निकाला।'
आर्थिक सुस्ती स्ट्रक्चरल और साइक्लिकल
मनमोहन सिंह ने कहा, 'मुझे लगता है कि अब हम एक दूसरे तरह के संकट में घिर रहे हैं, एक लंबे समय तक चलने वाली आर्थिक सुस्ती जो स्ट्रक्चरल और साइक्लिकल दोनों है। इस संकट को दूर करने की दिशा में पहला कदम हमें यह स्वीकार करना होगा कि हम संकट में घिर गए हैं।' पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को मुद्दे को पारदर्शी तरीके से निपटाने, विशेषज्ञों तथा तमाम हितधारकों की बातों को खुले दिमाग से सुनने और संकट से निपटने के लिए ठोस इरादा जताने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'सरकार को लोगों पर विश्वास जताना चाहिए और पूरी दुनिया को एक संदेश देना चाहिए। दुर्भाग्यवश मुझे अभी तक मोदी सरकार की तरफ से इस तरह का कोई उपाय होता नहीं दिखा है।'
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को जीएसटी व्यवस्था को आसन बनाना चाहिए, भले ही शुरुआत में इससे राजस्व का नुकसान हो।