पाम ऑयल विवाद के बीच भारत से और ज्यादा चीनी खरीदेगा मलेशिया
नई दिल्ली और मलेशिया के बीच पाम ऑयल आयात पर चल रहे विवाद को सुलझाने के प्रयासों से जुड़े दो सूत्रों ने यह जानकारी दी।
कुआलालम्पुर, रायटर। जम्मू-कश्मीर और नागरिकता संशोधन कानून पर मलेशिया द्वारा टिप्पणी के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार में थोड़ी कड़वाहट आ गई थी। जिसके बाद से मलेशिया बैकफूट पर आ गया था। दरअसल, भारत ने मलेशिया से पाम ऑयल के आयात पर रोक लगा दी थी। अब मलेशिया ने भारत से व्यापार संबंध की तल्खी को कम करने के लिए चीनी खरीदने को कहा है। मलेशिया के शीर्ष चीनी रिफाइनर ने कहा कि वह भारत से कमोडिटी की खरीद में वृद्धि करेगा। नई दिल्ली और मलेशिया के बीच पाम ऑयल आयात पर चल रहे विवाद को सुलझाने के प्रयासों से जुड़े दो सूत्रों ने यह जानकारी दी।
MSM मलेशिया होल्डिंग्स बरहाद पहली तिमाही में भारत से 200 मिलियन रिंगिट ($ 49.20 मिलियन) मूल्य की 130,000 टन कच्ची चीनी खरीदेगी, कंपनी ने इसकी जानकारी दी। कंपनी ने 2019 में भारत से लगभग 88,000 टन कच्ची चीनी खरीदी थी।
चीनी रिफाइनिंग आर्म MSM दुनिया की सबसे बड़ी पाम ऑयल तेल उत्पादक है, FGV होल्डिंग्स जो मलेशियाई राज्य के स्वामित्व वाली संघीय भूमि विकास प्राधिकरण या (Felda) की एक इकाई है। हालांकि, मलेशियाइ कंपनी का कहना है कि भारत से चीनी खरीद बढ़ाने की प्रक्रिया का पाम ऑयल के मसले से कोई संबंध नहीं है।लेकिन, इस खरीद प्रक्रिया की चर्चा में शामिल रहे सरकार और कंपनी से जुड़े दो सूत्रों का कहना है कि यह भारत को खुश करने के लिए किया गया है। क्योंकि भारत ने मलेशिया से कहा था कि वह उससे व्यापार कम कर देगा।
बता दें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल खरीदार है, लेकिन मलेशिया के प्रधानमंत्री द्वारा कश्मीर मुद्दे पर किए गए टिपण्णी से भारत ने पाम ऑयल का आयात बंद कर दिया था। इसके बाद मलेशिया की ओर से कहा गया था कि वह अपने पाम ऑयल को दुनिया के किसी दूसरे देश को बेचेगा, लेकिन उसके लिए यह मुश्किल हो रहा था, क्योंकि भारत मलेशिया से पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक देश है। भारत ने पिछले पांच वर्षों में मलेशिया से 4.4 मिलियन टन पाम ऑयल आयात किया है।