ऑटो सेक्टर में मेक इन इंडिया ने पकड़ी रफ्तार, Maruti, Tata, Kia जैसी कंपनियों को मिली बिक्री बढ़त
मारुति सुजुकी ने वर्ष 2022 में 2.63 लाख कारों का किया निर्यात किया है। वहीं हुंडई व किया मोटर्स द्वारा संयुक्त तौर पर किया दस लाख कारों का उत्पादन और सौ से ज्यादा देशों को भारत से निर्यात की जा रही हैं

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना काल और वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद बीते वर्ष 2022 में भारतीय ऑटो सेक्टर ने जबरदस्त दमखम दिखाया है। खास तौर पर इस साल ऑटोमोबाइल सेक्टर में मेक इन इंडिया का नारा और बुलंद हुआ है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) ने इस वर्ष 2.63 लाख से ज्यादा वाहनों का निर्यात कर भारत को विश्व की प्रमुख आटो केंद्र के तौर पर स्थापित कर दिया है।
इस दौरान दक्षिण कोरियाई कंपनी हुंडई की मूल कंपनी हुंडई मोटर इंडिया (एचएमआइ) और इसकी सहयोगी कंपनी किआ इंडिया की संयुक्त उत्पादन 10.04 लाख को पार कर गया है और दोनो कंपनियों की घोषणाओं से साफ है कि आने वाले वर्षों में भारत के रास्ते ही इनका वैश्विक विस्तार के सपने को पर लगेंगे।
Tata और Mahindra की लौटी चमक
मूल तौर पर भारतीय आटो कंपनियों जैसे टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इस वर्ष मेक इन इंडिया के जरिए अपनी पुरानी रंगत हासिल की है। टाटा मोटर्स 13.89 फीसद हिस्सेदारी के साथ देश की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। भारतीय कार बाजार में 41.68 फीसद की हिस्सेदारी रखने वाली मारुति सुजुकी ने बताया है कि वर्ष 2022 में उसने कुल 2,63,068 लाख वाहनों का निर्यात किया है। पिछले वर्ष इसने 2.05 लाख से कुछ ज्यादा का निर्यात किया था। अगर वर्ष 2020 से तुलना करें तो यह वृद्धि तीन गुनी (85 हजार) है।
मारुति ने कही ये बात
मारुति सुजुकी के एमडी व सीईओ हिशासी ताकेउची ने कहा, “लगातार दो वर्षों तक दो लाख से ज्यादा वाहनों का निर्यात करना हमारे उत्पादों के प्रति ग्राहकों के भरोसे, गुणवत्ता, प्रदर्शन, विश्वसनीयता और किफायती कीमत को बताता है। इससे हमारी कंपनी की भारत सरकार की मेक इन इंडिया कार्यक्रम को लेकर मजबूत प्रतिबद्धता का भी पता चलता है।''
गौर करने वाली बात है कि मारुति सुजुकी ने वर्ष 1986-87 से निर्यात की शुरुआत की थी और सबसे पहले हंगरी को निर्यात किया गया था। आज सौ से ज्यादा देशों को मारुति सुजुकी निर्यात करती है। अभी कंपनी की कार मॉडलों का निर्यात किया जाता है। कार निर्यात में दूसरे स्थान पर हुंडई ने कुल 1,48,300 कारों का निर्यात किया है जो वर्ष 2021 के मुकाबले 13.7 फीसद ज्यादा है।
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Kia के लिए भी अच्छा रहा 2022
इसकी सहयोगी कंपनी किया इंडिया की तरफ से बताया गया है कि वर्ष 2022 में उसने सबसे ज्यादा 82,063 कारों का निर्यात किया है। कंपनी भारत से सबसे ज्यादा एसयूवी निर्यात करने वाली कंपनी बन गई है। भारत में कंपनी के कारों की बिक्री में गत वर्ष 40 फीसद का इजाफा हुआ है।
बिक्री के लिए वर्ष 2022 भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए काफी बेहतर रहा है। इस वर्ष देश की 16 कार कंपनियों ने कुल 37.80 लाख वाहनों की बिक्री की है जो वर्ष 2021 के मुकाबले 24 फीसद ज्यादा है।
पिछले महीने संसद में वाणिज्य व उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया था कि भारत से वर्ष 2021-22 में कुल 41,34,047 वाहनों का निर्यात किया गया था जो वर्ष 2020-21 के मुकाबले 35.9 फीसद ज्यादा थी। इसमें पैसेंजर वाहनों की संख्या 5,77,875 था और पैसेंजर वाहनों के निर्यात में भी 42.9 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई थी। सरकार देश में ऑटोमोबाइल निर्माण को और ज्यादा बढ़ावा देने के लिए 25,938 करोड़ रुपये की पीएलआइ स्कीम भी लागू कर चुकी है।


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