लॉकडाउन से पैसे की तंगी, अधिकांश भारतीयों ने जताई पर्सनल लोन लेने की इच्छा: सर्वे
सर्वे में शामिल लोगों ने कहा कि वे मौजूदा संकट से निपटने के लिए लोन लेने में पीछे नहीं हटेंगे।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना की वजह से लॉकडाउन लागू होने के बाद लगभग 82 फीसद भारतीयों की वित्तीय स्थिति बुरी तरह प्रभावित हुई है, इनमें से अधिकांश ने अपनी नकदी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन चुनने का विकल्प तैयार रखा है। एक सर्वे में यह बात सामने आई है। डिजिटल लेंडिंग प्लेटफार्म IndiaLends की ओर से किए गए सर्वे में 5,000 लोगों ने अपनी राय व्यक्त की है।
सर्वे में शामिल 82 फीसद लोगों के अनुसार, कोरोना महामारी ने वेतनभोगी और पेशेवर व्यक्तियों के वित्तीय हालत को बुरी तरह प्रभावित किया है। सर्वे में शामिल लोगों ने कहा कि वे मौजूदा संकट से निपटने के लिए लोन लेने में पीछे नहीं हटेंगे।
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करीब 72 फीसद लोगों ने कहा कि वे कर्ज चुकाने, आवश्यक चिकित्सा, शिक्षा शुल्क, और घर की मरम्मत और नवीकरण जैसे उच्च प्राथमिकता वाले खर्चों को पूरा करने के लिए तत्काल या भविष्य में पर्सनल लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
IndiaLends के संस्थापक और सीईओ गौरव चोपड़ा के मुताबिक जब वित्त को लेकर स्थितियां सही न हो तो पर्सनल लोन एक सहारा बन सकता है। सर्वे में शामिल लगभग 95 फीसद लोगों ने कहा कि वे अगले कुछ महीनों में अपने खर्च करने की आदतों में सुधार करेंगे और कम खर्च करेंगे, जबकि 84 फीसद लोगों ने कहा कि वे खर्च में कटौती कर रहे हैं। 90 फीसद ने अपनी बचत और वित्तीय भविष्य के बारे में चिंता व्यक्त की।
सर्वे के अनुसार, लगभग 40 फीसद उत्तरदाताओं ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं के लिए खर्च पर उनका ध्यान बढ़ेगा, जबकि 70 फीसद से अधिक ने कहा कि वे COVID के बाद की अवधि में मनोरंजन, विलासिता और जीवन शैली सहित गैर-जरूरी चीजों पर कम खर्च करेंगे।