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नोटबंदी से बेअसर: चालू वित्त वर्ष में लखनऊ जोन का कर संग्रह 51 फीसदी बढ़ा

चालू वित्त वर्ष में लखनऊ जोन में व्यक्तिगत आयकर संग्रह में पिछले साल के मुकाबले 51 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 03 Jan 2017 10:35 AM (IST)Updated: Tue, 03 Jan 2017 10:56 AM (IST)
नोटबंदी से बेअसर: चालू वित्त वर्ष में लखनऊ जोन का कर संग्रह 51 फीसदी बढ़ा

नई दिल्ली (हरिकिशन शर्मा)। नोटबंदी से बेअसर लखनऊ जोन के करदाताओं ने आयकर जमा करने में नया मुकाम हासिल किया है। चालू वित्त वर्ष में लखनऊ जोन में व्यक्तिगत आयकर संग्रह में पिछले साल के मुकाबले 51 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई। आयकर संग्रह में लखनऊ जोन की यह बढ़ोतरी दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरीय क्षेत्रों के मुकाबले काफी अधिक है। खास बात यह है कि कानपुर और पटना जोन में भी व्यक्तिगत आयकर संग्रह में करीब 30 प्रतिशत वृद्धि हुई है जो राष्ट्रीय स्तर पर व्यक्तिगत आयकर संग्रह की वृद्धि दर से काफी अधिक है।

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वित्त मंत्रलय के सूत्रों के मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 में एक अप्रैल से 19 दिसंबर तक देशभर में व्यक्तिगत आयकर का शुद्ध संग्रह 225,195 करोड़ रुपये हुआ है। इस राशि में रिफंड के रूप में वापस की गई कर राशि शामिल नहीं है। साथ ही इसमें कॉरपोरेट टैक्स के रूप में उद्योगों से वसूले जाने वाले कर की राशि भी शामिल नहीं है। पिछले वित्त वर्ष में एक अप्रैल से 30 नवंबर तक व्यक्तिगत आयकर का शुद्ध संग्रह 183,255 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह चालू वित्त वर्ष में व्यक्तिगत आयकर में 23.89 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक व्यक्तिगत आयकर संग्रह में सबसे यादा वृद्धि लखनऊ जोन मंल हुई जिसमें लगभग समूचा पूर्वी उत्तर प्रदेश आता है। लखनऊ जोन में इस अवधि में 4,668 करोड़ रुपये व्यक्तिगत आयकर राजस्व के रूप में जुटाए गए हैं जबकि पिछले वित्त वर्ष में इस दौरान 3089 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। इस तरह इसमें 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी तरह कानपुर जोन में चालू वित्त वर्ष में 5,781 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 4408 करोड़ रुपये था। इस तरह इसमें 31.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं पटना जोन में भी व्यक्तिगत आयकर में 29.82 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

पिछले साल पटना जोन में अप्रैल से नवंबर के दौरान 3333 करोड़ रुपये शुद्ध आयकर संग्रह हुआ था जो इस साल बढ़कर 4327 करोड़ रुपये हो गया है। इस दौरान मुंबई और दिल्ली जैसे महानगरों में वृद्धि दर राष्ट्रीय स्तर पर व्यक्तिगत आयकर वृद्धि दर से कम रही है। देशभर में जिस तरह अब तक व्यक्तिगत आयकर संग्रह में वृद्धि हुई उससे स्पष्ट है कि नोटबंदी का असर सरकार के राजस्व पर नहीं पड़ा है। सूत्रों ने कहा कि व्यक्तिगत आय कर के माध्यम से सरकार ने आम बजट 2016-17 के दौरान जितनी राशि जुटाने का लक्ष्य रखा था, उसकी करीब दो तिहाई राशि अब तक जुटायी जा चुकी है। इस साल पिछले साल की अपेक्षा अधिक रिफंड जारी होने के बावजूद प्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर सरकार के राजस्व संग्रह का प्रदर्शन बेहतर रहा है।


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