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शार्ट टर्म में भारतीय बाजार में पैसा नहीं लगाएंगे निवेशकः सीएलएसए

एशिया की सबसे बड़ी ब्रोकरेज कंपनी और इनवेस्टमेंट ग्रुप सीएलएसए ने कहा है कि लंबे समय के लिए निवेश करने वालों के लिए भारतीय शेयर बाजार काफी अच्छा है। हालांकि कम समय में निवेश के लिए इस रिपोर्ट में भारत को कम अंक दिए गए हैं।

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2015 10:40 AM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2015 01:58 PM (IST)
शार्ट टर्म में भारतीय बाजार में पैसा नहीं लगाएंगे निवेशकः सीएलएसए

मुंबई। एशिया की सबसे बड़ी ब्रोकरेज कंपनी और इनवेस्टमेंट ग्रुप सीएलएसए ने कहा है कि लंबे समय के लिए निवेश करने वालों के लिए भारतीय शेयर बाजार काफी अच्छा है। वहीं, कम अवधि वाले निवेश के लिए इस रिपोर्ट में भारत को कम अंक दिए गए हैं। साथ ही इस रिपोर्ट में यह चेतावनी भी दी गई है कि शार्ट टर्म निवेशक के लिए भारतीय शेयर बाजार में आकर्षण कम हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी में देरी और लैंड बिल पर जारी विवाद के कारण निवेशक डरे हुए हैं।

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सीएलएसए की रिपोर्ट के मुताबिक शेयर बाजार में तात्कालिक आकर्षण के तत्व कम दिख रहे हैं, लेकिन उसके पहले ही यहां एफआईआई के माध्यम से काफी निवेश आ चुका है। गौरतलब है कि अमेरिकी फेड रिजर्व ने निवेशकों की ब्याज दरों को बढ़ाने की मांग को अनसुना करते हुए बढ़ती महंगाई पर चिंता जताई थी। इसके बाद से ही अमेरिका के निवेशकों का एफआईआई के माध्यम से दूसरे बाजारों के प्रति रूझान बढ़ा है।

सीएलएसए ने अमेरिका में 80 निवेशकों से बात करने के बाद कहा है कि लॉन्ग टर्म में भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन बढ़िया रहने वाला है। हालांकि भारतीय कंपनियों की सुस्त मुनाफे को लेकर उनमें चिंता व्याप्त है और कई एफआईआई निवेशक जिन्होंने शार्ट टर्म के लिए निवेश किया है, अपना पैसा यहां से निकाल सकते हैं।

सीएलएसए के मुताबिक, कई विदेशी निवेशक अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करने को लेकर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। एफआईआई के माध्यम से विदेशी निवेशकों ने इस साल अब तक शेयर बाजार में 5.7 अरब डॉलर लगाए हैं, जबकि 2014 में उन्होंने भारतीय शेयर बाजार में 16 अरब डॉलर का निवेश किया था।

ऐसा देखा गया है कि छोटी अवधि के निवेशक मुनाफे के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं और बाजार में सुस्ती के संकेतों को देखकर तेजी से पैसा निकाल ले जाते हैं, इससे शेयर मार्केट में अस्थिरता आती है। जबकि लांग टर्म के लिए निवेश करने वाले अगर कहीं निवेश करते हैं तो वे बाजार में लंबे समय तक टिके रहते हैं।

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