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नए कर्ज से हेल्थ इन्फ्रा में बढ़ेगी मांग, 50,000 करोड़ रुपये के कर्ज वितरण से 80,000 करोड़ रुपये तक की उत्पादन मांग के सृजन की संभावना

विशेषज्ञों के मुताबिक स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50000 करोड़ रुपये के कर्ज से तत्काल कोरोना की दवाएं व अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। वहीं इस मद में कर्ज लेकर वैक्सीन का भी आयात किया जा सकेगा।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 11:50 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 09:42 AM (IST)
नए कर्ज से हेल्थ इन्फ्रा में बढ़ेगी मांग, 50,000 करोड़ रुपये के कर्ज वितरण से 80,000 करोड़ रुपये तक की उत्पादन मांग के सृजन की संभावना
Loan for health Infrastructure P C : Pixabay

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश में कोरोना से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी ढांचे और अन्य जरूरी चीजों की कमी को दूर करने के लिए 50,000 करोड़ रुपये के कर्ज वितरण से 80,000 करोड़ रुपये की उत्पादन मांग के सृजन की संभावना है। एसबीआइ इकोरैप के अनुमानों के मुताबिक स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी चीजों के उत्पादन और बुनियादी विकास से मुख्य रूप से ऑर्गेनिक केमिकल्स, रबर, प्लास्टिक जैसे क्षेत्र को काफी फायदा होगा।

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विशेषज्ञों के मुताबिक, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50,000 करोड़ रुपये के कर्ज से तत्काल कोरोना की दवाएं व अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। वहीं इस मद में कर्ज लेकर वैक्सीन का भी आयात किया जा सकेगा। आरबीआइ की घोषणा के मुताबिक बैंक वैक्सीन के उत्पादन के साथ आयात के लिए भी कर्ज देंगे।

वहीं कोई भी कंपनी ऑक्सीजन के साथ कोरोना इलाज से जुड़ी जरूरी दवाई के आयात या ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए भी बैंकों से कर्ज ले सकेगी। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों में पैथलैब व डिस्पेंसरी जैसी सुविधाएं विकसित करने की जरूरत महसूस की जा रही है।

कर्ज की नई व्यवस्था से इस प्रकार की बुनियादी सुविधाओं के विकास में भी मदद मिलेगी। पहली मई से 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी नागरिकों को वैक्सीन लगाने के फैसले के बाद टीके की उपलब्धता बढ़ाने में भी आरबीआइ का फैसला काफी मददगार साबित होगा।

बता दें कि आरबीआई गवर्नर ने हाल ही में रेपो रेट पर 50,000 करोड़ रुपये की ऑन-टैप लिक्विडिटी की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत बैंक वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों, मेडिकल सुविधाओं, अस्पतालों और मरीजों को लिक्विडिटी उपलब्ध करा सकते हैं।

दास ने कहा कि वित्त पोषण की यह सुविधा 31 मार्च 2022 तक खुली रहेगी। इसके तहत बैंक वैक्सीन विनिर्माताओं, वैक्सीन और चिकित्सा उपकरणों के आयातकों और आपूर्तिकर्ताओं, अस्पतालों, डिस्पेंसरी, आक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं और वेंटिलेटर आयातकों को आसानी से कर्ज उपलब्ध कराएंगे। बैंक मरीजों को भी उपकरण आदि के आयात के लिए प्राथमिकता के आधार पर कर्ज दे सकेंगे।


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