लोन चाहिए तो अपनी प्रॉपर्टी को 'काम' पर लगाएं, Property Loan से पाएं टैक्स में छूट और नया घर खरीदने का मौका
Loan against property एक तरह का सुरक्षित लोन है जिसमें लेनदार अपनी संपत्ति के बदले में लोन लेता है। इस लोन की खासियत है कि इसमें टैक्स छूट से लेकर संपत्ति का इस्तेमाल करना और अलग-अलग कार्यों के लिए इसके लोन अमाउंट का इस्तेमाल शामिल है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगर आप एक लोन लेने की सोच रहे हैं और आपके पास कोई संपत्ति है, तो बेहतर है कि आप उस संपत्ति पर लोन (Loan against property) लें। यह किसी दूसरे लोन से बेहतर है और इसमें लेनदार को बहुत से लाभ मिलते हैं। इसमें टैक्स में छूट से लेकर लोन की ऊंची रकम जैसे बहुत से फायदे मिल सकते हैं।
बता दें कि यह सुरक्षित लोन कैटेगरी के अंदर आता है, जिसमें कर्मचारी और बिजनेस करने वाले दोनों ही व्यक्ति इस लोन को ले सकते हैं। सवाल है कि आखिर इसमें क्या-क्या बेनिफिट्स किसी लेनदार को मिलते हैं? तो चलिए इसके बारे में जानते हैं।
क्या होता हो संपत्ति पर लोन या LAP?
संपत्ति पर लोन लेने से पहले यह समझना जरूरी है कि असल में LAP क्या होता है? प्रॉपर्टी के एवज में मिलने वाला यह लोन आवासीय फ्लैट, ऑफिस, प्लॉट या दुकान जैसे कमर्शियल या रेसीडेंशियल प्रॉपर्टी को बैंक या अन्य फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर से उधार लेने के लिए जमानत के तौर पर पेश किया जाता है। इसका उपयोग लेनदार व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कर सकता है।
लोन लेने वाले को कैसे मिलता है फायदा?
संपत्ति पर लोन लेने पर लेनदार को बहुत-से फायदे मिलते हैं, तो चलिए इनके बारे में जानते हैं-
कहीं भी कर सकते हैं इस्तेमाल
संपत्ति पर लोन लेने का सबसे बड़ा फायदा है कि इसका इस्तेमाल व्यवसाय, शिक्षा, विवाह, मेडिकल खर्च जैसे कामों के लिए किया जा सकता है। इसलिए, अगर आपको किसी खास काम के लिए उस सेक्शन में लोन नहीं मिल रहा है तो संपत्ति पर लोन लेकर उस काम को पूरा किया जा सकता है।
कम ब्याज दर
संपत्ति पर लोन लेने के सबसे बड़े फायदों में से एक है इसमें कम ब्याज दर का होना। चूंकि, यह लोन एक सुरक्षित लोन कैटेगरी में आता है तो किसी भी नुकसान की स्थिति में बैंक संपत्ति पर कानूनी दावा करने का अधिकार रखती है। इससे जोखिम कम हो जाता है और बैंक कम ब्याज दर पर लोन देने के लिए तैयार हो जाते हैं।
लंबे समय के लिए लोन
इस लोन की खासियत है कि इसमें लेनदार को लंबी अवधि में ऋण चुकाने का विकल्प मिलता है। आमतौर पर इसमें 10 से 20 वर्ष की अवधि में लोन चुकाने की अप्रूवल मिल जाती है। इससे आप पॉकेट-फ्रेंडली मासिक किस्तों का विकल्प चुन सकते हैं और लोन का बोझ आप पर कम पड़ता है।
प्रॉपर्टी पर रहता है मालिकाना हक
प्रॉपर्टी पर लोन मिलने के बाद भी आपके पास प्रॉपर्टी के मालिकाना हक का अधिकार बना रहता है। साथ ही, आप अपनी प्रॉपर्टी का इस्तेमाल करना भी जारी रख सकते हैं।
टैक्स में लाभ
आयकर अधिनियम की धारा 37(1) के तहत अगर आप संपत्ति पर लोन लेते हैं , तो आपको ब्याज और प्रोसेसिंग फीस पर टैक्स में छूट का लाभ मिलता है। आयकर अधिनियम की धारा 24 (बी) के तहत, यदि आप आवासीय संपत्ति खरीदने के लिए अपनी लोन अमाउंट का उपयोग करते हैं, तो इसमें आपको 2 लाख रुपये तक टैक्स में छूट मिलती है।
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