रक्षा कलपुर्जो के निर्यात के लिए लाइसेंस व्यवस्था मंजूर
पिछले दो वषरें के दौरान इसमें सात गुणा वृद्धि हुई है और 2018-19 में यह 10500 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने रक्षा उपकरण और उनके कलपुर्जो के निर्यात और कंपनियों के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के उद्देश्य को ध्यान मे रखते हुए गुरुवार को ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस जारी करने के फैसले की मंजूरी दे दी है। इस फैसले के अनुसार विश्व के चुनिंदा देशों के लिए रक्षा मंत्रालय का रक्षा उत्पादन विभाग लाइसेंस के लिए उत्पादों के आधार पर आवेदनों को मंजूरी देगा। इससे देश में रक्षा क्षेत्र के उपकरणों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और व्यापार करने में आसानी होगी।
ओजीइएल के तहत अनुमति प्राप्त देशों में बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, जापान, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, इटली, पोलैंड और मेक्सिको आदि देश शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक विशेष आर्थिक क्षेत्र में मदों के निर्यात की अनुमति नहीं है। असल में हाल ही में निर्यातकों की मांग पर रक्षा उत्पादन विभाग ने संबंधित पक्षों के साथ विचार करने के बाद लाइसेंस नीति को मंजूरी के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पास भेजा था, जिसे अब स्वीकृति दी गई है।
जानकारी के अनुसार ओजीइएल प्राप्त करने केलिए आवेदकों के पास आयात-निर्यात प्रमाण पत्र होना अनिवार्य होगा। बता दें कि ओजीइएल के तहत अनुमति प्राप्त मदों में ऊर्जावान और विस्फोटक सामग्री के बिना गोला बारूद और फ्यूज सेटिंग डिवाइस के घटक, फायरिंग नियंत्रण एवं संबंधित चेतावनी उपकरण और संबंधित प्रणाली, और शरीर की सुरक्षा की मदें शामिल हैं।
संपूर्ण विमान या संपूर्ण मानव रहित हवाई वाहनों के लिए विशेष रूप से डिजाइन या मानव रहित हवाई वाहनों के लिए संशोधित किए गए घटकों को इस लाइसेंस के तहत बाहर रखा गया है।उल्लेखनीय है कि भारत ने रक्षा निर्यात सुधारने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उन्नति की है। पिछले दो वषरें के दौरान इसमें सात गुणा वृद्धि हुई है और 2018-19 में यह 10,500 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।