Move to Jagran APP

चुनावी साल में कर राजस्व में सुस्ती बनी सरकार के लिए मुश्किल

केंद्र सरकार को चालू वित्त वर्ष में हर महीने जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद थी

By NiteshEdited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 11:34 AM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 11:56 AM (IST)
चुनावी साल में कर राजस्व में सुस्ती बनी सरकार के लिए मुश्किल
चुनावी साल में कर राजस्व में सुस्ती बनी सरकार के लिए मुश्किल

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चुनावी साल में कर राजस्व संग्रह में सुस्ती सरकार के लिए खजाना भरने में चुनौती साबित हो सकती है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों में प्रत्यक्ष और परोक्ष कर संग्रह में अपेक्षा के अनुरूप वृद्धि नहीं हुई है। खासकर जीएसटी संग्रह अभी तक उम्मीद से कम रहा है।

loksabha election banner

कंट्रोलर जनरल ऑफ एकाउंट यानी सीजीए के अनुसार सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में कर राजस्व के रूप में 14.80 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों में यानी जुलाई तक सरकार 2.92 लाख करोड़ रुपये कर राजस्व के रूप में जुटा चुकी है जो बजट लक्ष्य का 19.8 फीसद है। हालांकि पिछले साल सरकार ने इस अवधि में आम बजट 2017-18 में तय किए कर राजस्व के लक्ष्य के मुकाबले 21 फीसद राशि जुटा ली थी। इस तरह कर राजस्व के जरिये खजाना भरने की रफ्तार चालू वित्त वर्ष में धीमी है। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने पिछले साल के मुकाबले 14.4 फीसद अधिक राजस्व प्रत्यक्ष करों से जुटाने का लक्ष्य रखा है लेकिन शुरुआती चार महीने का ट्रेंड बताता है कि इसमें महज सात फीसद के आसपास वृद्धि हो रही है। राजस्व में अपेक्षानुरूप बढ़ोतरी न होने की एक वजह यह भी है कि मासिक जीएसटी संग्रह अब तक अनुमान से कम रहा है।

केंद्र सरकार को चालू वित्त वर्ष में हर महीने जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद थी लेकिन अगर अप्रैल को छोड़ दें तो बाकी किसी भी महीने में जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा नहीं छू पाया है। विशेष बात यह है कि 21 जुलाई को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में लगभग 100 वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दरें घटाने के संबंध में लिए गए लोकलुभावन फैसले के चलते अगस्त में जीएसटी संग्रह में गिरावट आयी है।

सूत्रों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में राजस्व की धीमी वृद्धि को देखते हुए राजस्व विभाग ने कर संग्रह बढ़ाने के उपाय तेज कर दिए हैं। जीएसटी का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करने तथा कर चोरी रोकने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही प्रत्यक्ष कर खासकर व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट टैक्स के मोर्चे पर भी कर संग्रह बढ़ाने पर जोर दिया गया है। विभाग को उम्मीद है कि ई-वे बिल के प्रभावी क्रियान्वयन तथा जीएसटी के सरल रिटर्न के लागू होने पर जीएसटी अनुपालन में सुधार आएगा जिससे राजस्व में वृद्धि होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.