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Bank of Baroda, Indian Bank का NPA पिछले छह साल में कई गुना बढ़ाः RTI से मिली जानकारी

Indian Bank का एनपीए 31 मार्च 2014 को 8068.05 करोड़ रुपये पर था जो 31 मार्च 2020 को बढकर 32561.26 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

By Ankit KumarEdited By: Published: Sun, 03 May 2020 04:39 PM (IST)Updated: Sun, 03 May 2020 10:11 PM (IST)
Bank of Baroda, Indian Bank का NPA पिछले छह साल में कई गुना बढ़ाः RTI से मिली जानकारी
Bank of Baroda, Indian Bank का NPA पिछले छह साल में कई गुना बढ़ाः RTI से मिली जानकारी

कोटा, पीटीआइ। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा की गैर-निष्पादित आस्तियां (NPA) पिछले साल में 6 गुना तक बढ़कर 73,140 करोड़ रुपये हो गई। लगभग इसी अवधि में इंडियन बैंक का NPA चार गुना बढ़कर 32,561.26 करोड़ रुपये का हो गया। सूचना के अधिकार कानून के तहत इस बात का खुलासा हुआ है। RTI के तहत पूछे गए सवाल के जवाब के मुताबिक 2014 के मार्च के आखिर में बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) का NPA 32,561.26 करोड़ रुपये पर था जो दिसंबर, 2019 के आखिर में बढ़कर  73,140 करोड़ रुपये के आंकड़े तक पहुंच गया। इसी अवधि में NPA अकाउंट्स की संख्या 2,08,035 से बढ़कर 6,17,306 तक पहुंच गई।   

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वहीं, Indian Bank का एनपीए 31 मार्च, 2014 को 8,068.05 करोड़ रुपये पर था जो 31 मार्च, 2020 को बढकर 32,561.26 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं इस अवधि में बैंक के एनपीए खातों की संख्या 2,48,921 से बढ़कर 5,64,816  पर पहुंच गई। कोटा के एक एक्टिविस्ट सुजीत स्वामी की ओर से सूचना के अधिकार कानून के तहत पूछे गए सवालों के जवाब में एनपीए खातों को लेकर बैंकों की ओर से यह जानकारी मिली है। 

RTI के तहत प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि सरकारी बैंकों ने SMS Alert सर्विस शुल्क, मिनिमम बैलेंस चार्जेज, लॉकर चार्जेज, डेबिट-क्रेडिट कार्ड सर्विस चार्ज सहित अन्य शुल्कों के जरिए मोटी रकम हासिल की। 

RTI से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक अप्रैल, 2018 से 29 फरवरी, 2020 के बीच SMS Alert शुल्क के रूप में 107.7 करोड़ रुपये की कमाई की। इसी अवधि में इंडियन बैंक को एसएमएस एलर्ट शुल्क के रूप में 21 करोड़ रुपये की आमदनी हुई।  

स्वामी ने कहा कि 2014 से 2020 के बीच इन पब्लिक सेक्टर बैंकों के एनपीए का पता लगाने के लिए उन्होंने RTI दायर किया था। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक से इस बारे में जानकारी मांगी है लेकिन दोनों बैंकों की ओर से अभी तक उन्हें जवाब नहीं मिल सका है।


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