Move to Jagran APP

20 अप्रैल से 25 फीसद निर्यात इकाइयों में शुरू होगा उत्पादन, लाखों लोग वापस लौटेंगे काम पर

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल सितंबर तक देश में 238 सेज संचालन में थे।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 15 Apr 2020 08:04 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2020 07:35 AM (IST)
20 अप्रैल से 25 फीसद निर्यात इकाइयों में शुरू होगा उत्पादन,  लाखों लोग वापस लौटेंगे काम पर
20 अप्रैल से 25 फीसद निर्यात इकाइयों में शुरू होगा उत्पादन, लाखों लोग वापस लौटेंगे काम पर

नई दिल्ली, राजीव कुमार। गृह मंत्रालय के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़े निर्देश से भारतीय निर्यात को बड़ी राहत मिली है। इस निर्देश के तहत आगामी 20 अप्रैल से लगभग 25 फीसद निर्यात यूनिट में उत्पादन का काम शुरू हो जाएगा। इससे लाखों लोग फिर से काम पर वापस लौट सकेंगे और निर्यात के बचे हुए ऑर्डर को पूरा करने में मदद मिलेगी। गृह मंत्रालय के इस फैसले से विश्व बाजार में यह भी संदेश जाएगा कि भारत निर्यात की मांग को पूरा करने में सक्षम है। गृह मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक 20 अप्रैल से विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज), एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट (ईओयू), औद्योगिक टाउनशिप एवं ग्रामीण इलाके में मैन्युफैक्चरिंग का काम आरंभ हो सकता है। इस फैसले के लागू होने से अकेले सेज में 5,168 इकाइयों में काम आरंभ हो जाएगा। सेज में काम करने वाली यूनिट सिर्फ निर्यात होने वाली वस्तुओं का उत्पादन करती है। 

loksabha election banner

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल सितंबर तक देश में 238 सेज संचालन में थे। नोएडा सेज के विकास आयुक्त एलबी सिंघल ने बताया कि देशभर के सेज में प्रत्यक्ष तौर पर 21 लाख लोग काम करते हैं। सरकार के इस फैसले से लाखों लोग फिर से काम पर वापस आ जाएंगे। वित्त वर्ष 2019-20 में सेज यूनिट से 7.85 लाख करोड़ रुपए का निर्यात किया गया। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (फियो) के प्रेसिडेंट शरद कुमार सराफ ने बताया कि सरकार द्वारा मैन्युफैक्चरिंग की इस अनुमति के बाद लगभग 25 फीसद निर्यात यूनिट में काम आरंभ हो जाएगा। निर्यातक अपने बचे हुए ऑर्डर को रद होने से बचाने में कामयाब हो जाएंगे। 

वित्त वर्ष 2019-20 में भारत ने 314.3 अरब डॉलर के वस्तुओं का निर्यात किया। निर्यातकों ने बताया कि कोरोना के इस काल में मैन्युफैक्चरिंग आरंभ करना इतना आसान नहीं होगा। सभी यूनिट को गृह मंत्रालय के साथ संबंधित राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन आवश्यक होगा। किसी एक कर्मचारी के कोरोना पीडि़त पाए जाने पर यूनिट को फिर से बंद किया जा सकता है। निर्यातकों ने बताया कि सरकार के इस कदम से सेज और ईओयू के साथ औद्योगिक टाउनशिप में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों को भी रोकने में सफलता मिलेगी। श्रमिक उपलब्ध होने पर निर्माण कार्य की भी अनुमति बुधवार को सरकार की तरफ से जारी निर्देश में दे दी गई। इन दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगर निर्माण की साइट पर श्रमिक पहले से उपलब्ध हैं या रह रहे हैं तो वहां 20 अप्रैल से निर्माण कार्य आरंभ किया जा सकता है। 

हालांकि रियल एस्टेट डेवलपर्स का कहना है कि निर्माण कार्य के लिए लॉकडाउन के दौरान कच्चे माल को प्राप्त करना आसान नहीं है। नरेडको के प्रेसिडेंट निरंजन हीरानंदानी ने बताया कि सरकार के इस फैसले से निर्माण जगह या साइट्स पर रह रहे श्रमिकों को काम मिलना शुरू हो जाएगा जिससे उनके विस्थापित होने की संभावना कम हो जाएगी। सुपरटेक चेयरमैन आरके अरोड़ा ने कहा कि श्रमिकों के साथ राजमिस्त्री, कारपेंटर, प्लंबर और अन्य कई प्रकार के विशेष श्रमिकों की जररूत होती है जो साइट पर उपलब्ध नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.