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COVID-19 महामारी के दौरान सरकार ने 2 करोड़ श्रमिकों को भेजे 5,000 करोड़ रुपये: श्रम मंत्री

अभी तक लगभग दो करोड़ प्रवासी श्रमिकों को उनके बैंक खातों में भवन और अन्य निर्माण श्रमिक उपकर निधि से 5000 करोड़ रुपये भेजे गए हैं। PC Pixabay

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 01:59 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 07:08 PM (IST)
COVID-19 महामारी के दौरान सरकार ने 2 करोड़ श्रमिकों को भेजे 5,000 करोड़ रुपये: श्रम मंत्री
COVID-19 महामारी के दौरान सरकार ने 2 करोड़ श्रमिकों को भेजे 5,000 करोड़ रुपये: श्रम मंत्री

नई दिल्ली, पीटीआइ। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान श्रमिकों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। इसमें दो करोड़ से अधिक भवन व निर्माण श्रमिकों को पांच हजार करोड़ रुपये की सहायता देना भी शामिल है। सरकार के इन प्रयासों के साथ ही कोरोना वायरस महामारी के इस समय में करीब दो लाख श्रमिकों को लगभग 295 करोड़ रुपये की अटकी हुई मजदूरी भी जारी की गई।

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श्रम मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में गंगवार ने कहा, 'COVID-19 महामारी के दौरान पूरे भारत में प्रवासी श्रमिकों के लिए श्रम कल्याण और रोजगार सहित केंद्र सरकार द्वारा कई अभूतपूर्व कदम उठाए गए हैं।" इस बयान के अनुसार, लॉकडाउन के तुरंत बाद, श्रम और रोजगार मंत्रालय से सभी राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों को भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों के सेस फंड से निर्माण श्रमिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए गए थे।

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यह अनुमान है कि प्रवासी श्रमिकों में अधिकांश संख्या निर्माण श्रमिकों की है। मंत्री ने कहा, 'अभी तक, लगभग दो करोड़ प्रवासी श्रमिकों को उनके बैंक खातों में भवन और अन्य निर्माण श्रमिक उपकर निधि से 5,000 करोड़ रुपये भेजे गए हैं।' गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों की शिकायतों को हल करने के लिए, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने पूरे देश में 20 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए थे।

लॉकडाउन के दौरान इन कंट्रोल रूम्स के जरिए श्रमिकों की 15,000 से अधिक शिकायतों का समाधान निकाला गया और श्रम मंत्रालय के हस्तक्षेप के कारण दो लाख से अधिक श्रमिकों को लगभग 295 करोड़ रुपये की बकाया मजदूरी का भुगतान किया गया था।


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