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पर्सनल लोन से बेहतर है क्रेडिट कार्ड की EMI, एक्सपर्ट से समझिए

एक्सपर्ट मानते हैं कि हमें खरीदारी के दौरान जरूरी और गैर-जरूरी चीजों के बीच का बारीक अंतर पता होना चाहिए

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 27 Sep 2017 07:27 PM (IST)Updated: Wed, 27 Sep 2017 07:27 PM (IST)
पर्सनल लोन से बेहतर है क्रेडिट कार्ड की EMI, एक्सपर्ट से समझिए
पर्सनल लोन से बेहतर है क्रेडिट कार्ड की EMI, एक्सपर्ट से समझिए

नई दिल्ली (जेएनएन)। कार और घर की खरीद के लिए तो बैंक आसानी से लोन मुहैया करवा देते हैं, लेकिन कुछ खर्चे ऐसे भी होते हैं जिनके लिए सामान्य तौर पर बैंक लोन नहीं देते। इन खर्चों में परिवार के लिए शॉपिंग, परिवार के साथ विदेश की सैर, घर के लिए टीवी, फ्रिज एवं वॉशिंग मशीन इत्यादि की खरीदारी शामिल होती है। ऐसे में आपके सामने दो विकल्प होते हैं। पहला आप अपने क्रेडिट कार्ड को स्वाइप कराकर ईएमआई बनवा लें और दूसरा आप बैंक से पर्सनल लोन ले लें। आमतौर पर छोटी मोटी खरीदारी के लिए दुकानों पर ही कुछ बैंक के कर्मचारी मौजूद रहते हैं जो आपको पर्सनल लोन लेने दिलवाने को तैयार रहते हैं। ऐसे में आपको इन दोनों विकल्पों में से किसी एक को चुनने में समझदारी दिखानी चाहिए। हम अपनी इस रिपोर्ट में आपको जो जानकारी दे रहे हैं वो आपकी किसी सही फैसले तक पहुंचने में मदद कर सकती है।

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कौन का विकल्प बेहतर: सर्टिफाइड फाइनेंस प्लानर पूनम रुंगटा ने बताया कि किसी भी खरीदारी से पहले आपको यह तय करना चाहिए कि आपकी जरूरत क्या है और आप किस चीज को लग्जरी के लिए खरीदने की सोच रहे हैं। इन दोनों में स्पष्ट अंतर करने के बाद ही आपको खरीदारी का फैसला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई चीज आपके जरूरत की नहीं है तो उसे बेवजह खरीदने से बचें। ऐसे में अगर इन दोनों विकल्पों में से किसी एक का चयन करना हो तो पर्सनल लोन के मुकाबले क्रेडिट कार्ड की ईएमआई करवाना बेहतर रहता है। ऐसे इसलिए क्योंकि आमतौर पर पर्सनल लोन में कुछ ऐसे चार्ज और इंटरेस्ट रेट जुड़े होते हैं जो आपके होश भी उड़ा सकते हैं।

समझिए टैक्स का गणित: ई-मुंशी (emunshe. Com) के टैक्स एक्सपर्ट और चार्टेड अकाउंटेंट अंकित गुप्ता ने बताया कि कोशिश करें कि क्रेडिट कार्ड से ज्यादा शॉपिंग न करें। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप 1 साल में 2 लाख से ज्यादा की शॉपिंग करते हैं तो आपका नाम AIR (Annual Information Return) में आ सकता है। ऐसा होने की सूरत में बैंक आपकी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दे सकता है और आपसे संबंधित आयकर अधिकारी इस बारे में आपसे जानकारी की मांग भी कर सकता है। इसलिए कोशिश करें कि एक साल में 2 लाख से कम की शॉपिंग ही करें।

अगर किसी सूरत में बैंक आपकी ओर से खरीदे गए सामान पर 0% EMI की सुविधा दे रहा हो तो यह आपके लिए सबसे बेहतर रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इस तरह से आपको बैंक को ज्यादा पैसे नहीं चुकाने पड़ते और यह जोखिम भरा भी नहीं होता है।


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