फ्लैट खरीदने से पहले समझ लीजिए बिल्ट-अप, सुपर और कार्पेट एरिया में अंतर
घर या फ्लैट खरीदते समय डेवेलपर की ओर से इस्तेमाल किये जाने वाले शब्द बिल्ट-अप, सुपर और कार्पेट एरिया के समझे मायने
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जब आप किसी नए शहर में कोई फ्लैट खरीदने जा रहे होते हैं तो बिल्डर आपके सामने बिल्ट-अप एरिया, सुपर एरिया और कॉर्पेट एरिया जैसे शब्दों का बार-बार जिक्र करता है। अधिकांश लोग इन शब्दों के बीच के बारीक अंतर को नहीं समझते हैं। खरीदार कई बार फ्लैट में लिखे सुपर एरिया को अपने फ्लैट का साइज मानकर फ्लैट की बुकिंग कर देते हैं। जबकि असल फ्लैट इससे काफी कम होता है। ऐसे में हम अपने इस वीडियो के जरिए आपको बिल्ट-अप एरिया, सुपर एरिया और कार्पेट एरिया के बारे में अच्छे से समझाने जा रहे हैं।
कार्पेट एरिया: कार्पेट एरिया उस एरिया को कहते है जहां आप कार्पेट बिछा सकें। इस एरिया में फ्लैट की दीवारें शामिल नहीं होती हैं। यह फ्लैट के अंदर का खाली स्थान होता है। यह फ्लैट का इस्तेमाल होने वाला वास्तविक क्षेत्र होता है। कार्पेट एरिया में दीवार की मोटाई, बालकनी और छत शामिल नहीं होती है। अगर सीढ़ियां घर के अंदर है तो इन एरिया में वो भी शामिल होंगी। जानकारी के लिए बता दें कि कार्पेट एरिया बिल्ट अप एरिया का 70 फीसद होता है। इसे कैलकुलेट करने के लिए अपार्टमेंट के कुल एरिया में से दीवार की आंतरिक मोटाई को घटा दें।
बिल्ट-अप एरिया: बिल्ट-अप एरिया में फ्लैट की दीवारों को लेकर मापा जाता है, यानि इसमें कार्पेट एरिया के साथ-साथ पिलर, दीवारें और बालकनी जैसी जगह शामिल होती हैं। बिल्ट अप एरिया कैलकुलेट करने के लिए इसमें कार्पेट एरिया और दीवारों की ओर से कवर किया गया क्षेत्र जोड़ लें। सामान्य तौर पर यह कार्पेट एरिया से दस से 15 फीसद ज्यादा होता है।
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सुपर एरिया: सुपर एरिया उस एरिया को कहते हैं, जिसमें उस प्रोजेक्ट के अंदर कॉमन यूज की चीजें को शामिल किया जाता है जैसे जेनरेटर रूम, पार्क, जिम, सीढ़ियां, लिफ्ट, लॉबी, टेनिस कोर्ट आदि। आमतौर पर सभी बिल्डर्स फ्लैट को सुपर एरिया के आधार पर बेचते हैं। इसमें अंडर ग्राउंड संप, वॉटर टैंक, स्वीमिंग पूल, स्पोर्ट्स एरिया, फूलों की क्यारियां और मचान शामिल नहीं होते। डेवलपर्स बिक्री योग्य कुल क्षेत्र को 25 फीसद बढ़ा देता है। इस फीसद हिस्से को लोडिंग कहा जाता है। कुछ डेवलपर्स कुल बिक्री योग्य क्षेत्र की गणना करते हुए लोडिंग के आंकड़ों का जिक्र करते हैं। जैसे अगर कार्पेट एरिया 600 स्क्वेयर फुट है और बिल्डर 30 फीसद लोडिंग को भी जोड़ देता है तो आपको (600*30/100 = 180) 780 स्क्वेयर फुट की कीमत देनी होगी। जबकि आपके इस्तेमाल में 600 स्क्वेयर फुट एरिया ही आ रहा है।