आंकड़ों का बदलता आधार, एक्सपर्ट की नजर से समझिए क्या होगा आम आदमी पर असर
WPI और IIP सीरीज का आधार वर्ष बदलने से आम आदमी पर कितना असर पड़ेगा, एक्सपर्ट की नजर से समझिए।
नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था की साफ तस्वीर पेश करने के इरादे से बीते शुक्रवार को नए आधार वर्ष के साथ WPI और IIP सीरीज जारी की है। इसके लिए अर्थशास्त्री और एक्सपर्ट्स लंबे समय से मांग भी कर रहे थे। सरकार के इस कदम का उद्देश्य आर्थिक गतिविधियों का और अधिक सटीक ढंग से आंकलन करना है। गौरतलब है कि सरकार ने 2011-12 के आधार वर्ष (नए आधार वर्ष) के साथ आईआईपी की गणना के लिए कार्य प्रणाली विकसित करने को एक हाई लेवल कमेटी गठित की थी।
एक्सपर्ट्स का नजरिया:
दिल्ली विश्वविद्यालय में कॉमर्स के प्रोफेसर और आर्थिक मामलों के जानकार आलोक पुराणिक ने बताया कि WPI और CPI का आधार वर्ष बदलने से अर्थव्यवस्था की सही तस्वीर सामने आ पाएगी और अब जो आंकड़े सामने आएंगे वो प्रासंगिक होंगे। उन्होंने बताया कि आधार वर्ष के क्या मायने हैं और ये क्यों अहम है।
जानिए क्या कहना है एक्सपर्ट का...