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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में CBI की बड़ी कार्रवाई, 10 बातों से समझ लीजिए पूरा मामला

कार्ति चिदंबरम की ओर से पैरवी कर रहे वकील कपिल सिब्बल का कहना है कि इस इस समन को स्थगित किया जाए क्योंकि उनका मुवक्किल 28 फरवरी की रात को ही भारत पहुंच पाएगा

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 28 Feb 2018 01:14 PM (IST)Updated: Wed, 28 Feb 2018 02:59 PM (IST)
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में CBI की बड़ी कार्रवाई, 10 बातों से समझ लीजिए पूरा मामला
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में CBI की बड़ी कार्रवाई, 10 बातों से समझ लीजिए पूरा मामला

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया है। कार्ति पर फेमा के उल्लंघन का आरोप है। सीबीआइ ने उन्हें चेन्नई से गिरफ्तार किया है। 1 मार्च को ईडी ने उन्हें अपने समक्ष पेश होना का समन जारी किया है, जिसके चलते मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के तहत उन्हें आज भारत लौटना था। हम अपनी इस खबर में आपको 10 बिंदुओं के जरिए यह पूरा मामला समझाने की कोशिश करेंगे।

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क्या है पूरा मामला?

  • प्रवर्तन निदेशालय ने जो आरोप लगाया है वो कार्ति चिदंबरम से जुड़े उस मामले से संबंधित है जिसमें विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) की ओर से आईएनएक्स मीडिया को मंजूरी दी गई है।
  • प्रवर्तन निदेशालाय ने आरोप लगाया है कि INX मीडिया को धन प्राप्त करने के लिए साल 2007 में मंजूरी दी गई थी। उस अवधि के दौरान पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे।
  • ईडी ने आरोप लगाया है कि आईएनएक्स मीडिया ने अनुमोदन की शर्तों का उल्लंघन किया है, इसको तहत INX न्यूज प्राइवेट लिमिटेड में 26 फीसद का निवेश किया गया।
  • कंपनी ने टीवी चैनल बनाने, उसके संचालन और टीवी चैनलों के प्रसारण का एक समूह बनने की अनुमति मांगी थी।
  • FIPB ने साफ किया था कि निवेश के लिए फेस वैल्यू पर 4.62 करोड़ रुपए के FDI की अनुमति दी जा सकती है और आईएनएक्स न्यूज के लिए अलग से एफआईपीबी से अप्रूवल लेना पड़ेगा।
  • बोर्ड ने वित्त मंत्री के विचार के लिए आईएनएक्स मीडिया के प्रस्ताव की सिफारिश की थी, आईएनएक्स न्यूज की नहीं। एफआईआर के मुताबिक इन सिफारिशों को तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मंजूरी दे दी थी।
  • INX मीडिया की ओर से किए गए कथित अवैध भुगतान के बारे में जानकारी के आधार पर, सीबीआई ने कार्ति चिंदबरम और अन्य के खिलाफ अलग मामला दर्ज किया।
  • 23 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की ओर से जारी किए गए समन पर स्टे नहीं लगाया और कहा कि कार्ति को ईडी के समक्ष 1 मार्च को पेश होना होगा।
  • कार्ति चिदंबरम की ओर से पैरवी कर रहे वकील कपिल सिब्बल का कहना है कि इस इस समन को स्थगित किया जाए क्योंकि उनका मुवक्किल 28 फरवरी की रात को ही भारत पहुंच पाएगा।
  • इस मामले में ईडी ने PMLA के तहत कार्ति चिदंबरम, आईएनएक्स मीडिया और उसके निदेशकों पीटर और इन्द्राणी मुखर्जी के खिलाफ FIR दर्ज की। इसके साथ ही कार्ति चिदंबरम पर 45 करोड़ रुपए के मामले में फेमा का उल्लंघन करने का आरोप लगा।

फेमा उल्लंघन का भी आरोप:

कार्ति चिदंबरम को 45 करोड़ रुपए के फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) उल्लंघन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी आरोपी बना चुका है। आरोप था कि वह वासन हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से कथित तौर पर जुड़े हुए हैं. इस कंपनी से जुड़े विदेशी निवेशकों से कई अलग नामों से करीब 2100 करोड़ रुपए लिए गए। वहीं, 162 करोड़ रुपए अलग से भी लिए गए। आरोप है कि इस लेन-देन में कार्ति चिदंबरम की कंपनी मैसर्स एडवांटेज स्ट्रेटजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल थी। इस कंपनी को इसमें करीब 45 करोड़ रुपए मिले थे।


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