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इस साल से इनकम टैक्स रिटर्न न भरने पर लगेगी पेनल्टी, जानिए नए नियम

अगर आप आईटीआर फॉर्म भरने में देरी करते हैं तो आपको जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 25 Apr 2018 05:59 PM (IST)Updated: Fri, 27 Apr 2018 10:55 AM (IST)
इस साल से इनकम टैक्स रिटर्न न भरने पर लगेगी पेनल्टी, जानिए नए नियम
इस साल से इनकम टैक्स रिटर्न न भरने पर लगेगी पेनल्टी, जानिए नए नियम

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। वित्त वर्ष 2018 के लिए रिटर्न फाइल करने के लिए डिपार्टमेंट ने फॉर्म नोटिफाइ कर दिए हैं, जो पिछले बार से कई मायनों में अलग हैं। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के फॉर्म के साथ साथ कई नियम भी बदले हैं। इस साल से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल न करने पर अधिकतम 10000 रुपए तक की पेनल्टी का प्रावधान हैं। अपनी इस खबरे में हम आपको पेनल्टी से जुड़े ये नियम विस्तार से बता रहे हैं। 

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फॉर्म भरने में देरी पड़ेगी आपको भारी:

  • वित्त वर्ष 2018 के आईटीआर फाइलिंग में देरी कर दी तो आपको आर्थिक नुकसान हो सकता है। आपको इस वित्त वर्ष में 31 जुलाई 2018 तक (जब तक कर विभाग खुद इस तारीख में विस्तार नहीं कर देता है) हर हाल में अपना आईटीआर भर देना होगा। ऐसा न करने की सूरत में आपको अधिकतम 10,000 रुपए का जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
  • नियमों के मुताबिक अगर आप ड्यू डेट के बाद और 31 दिसंबर 2018 से पहले अपना आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको 5,000 रुपए का जुर्माना देना होगा, वहीं अगर आप 31 दिसंबर 2018 के बाद आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको 10,000 रुपए का जुर्माना (अगर आपकी सालाना आय 5 लाख से ज्यादा है तो) देना होगा।
  • हालांकि इसमें कुछ करदाताओं को राहत दी गई है। अगर आपकी सालाना आय 5 लाख से कम है तो आप पर लगने वाली अधिकतम पेनल्टी 1000 रुपए ही होगी।

ITR-1 सहज में किए गए ये बड़े बदलाव:

फॉर्म में करना होगा सैलरी ब्रेकअप का जिक्र: सबसे अहम बदलाव यह है कि अब नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय अपना सैलरी ब्रेकअप देना होगा। वहीं व्यापारियों को जीएसटी नंबर और टर्नओवर को जानकारी रिटर्न भरते समय देनी होगी। अभी तक यह विवरण सिर्फ फॉर्म 16 में ही भरा जाता था और इसका खुलासा किए जाने की जरूरत कभी भी सामने नहीं आई।

अब नहीं देनी होगी नोटबंदी में जमा की डिटेल: साल 2018-19 के लिए जारी किए गए फॉर्म में एक बड़ा बदलाव यह किया गया है कि फॉर्म के पार्ट E में अन्य जानकारियों वाले कॉलम में अब आपको नोटबंदी के दौरान नकदी जमा की जानकारी नहीं देनी होगी। अब इस कॉलम को खत्म कर दिया गया है।

अब सिर्फ रेजिडेंट इंडीविजुअल ही भर पाएंगे आईटीआर-1: इससे पहले आईटीआर-1 सहज फॉर्म को रेजिडेंट, रेजिडेंट नॉट ऑर्डिनियरी रेजिडेंट (आरएनओआर) और नॉन रेजिडेंट भी भर सकते थे, लेकिन अब इसे सिर्फ रेजिडेंट इंडीविजुअल्स ही भर सकेंगे।

ITR -2 फॉर्म भी बदला: सीबीडीटी ने कहा कि व्यक्तिगत लोगों और हिंदू अविभाजित परिवारों के लिए, जिनकी आमदनी कारोबार या पेशे से अलग हटकर किसी अन्य मद से आती है, के लिए ITR- 2 को भी तर्कसंगत किया गया है।

अचल संपत्ति की आय का भी करना होगा खुलासा: अब आपको अपनी अचल संपत्ति (हाउसिंग प्रॉपर्टी) के जरिए होने वाली आय का पूरा ब्रेकअप देना होगा जिसका उल्लेख पहले सिर्फ आईटीआर-2 और अन्य फॉर्म में करना होता था।

जारी रहेगी ये व्यवस्था: तमाम आईटीआर फॉर्म में से सबसे प्रमुख ITR-1 या सहज फॉर्म है, जिसे वेतनभोगी करदाताओं की ओर से भरा जाता है। बीते साल की तरह ही इस बार भी 50 लाख रुपये तक की आमदनी और एक घर वाले वेतनभोगी करदाताओं के लिए एक पन्ने का ITR- 1 या सहज फॉर्म लाया गया है।


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