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ITR 2018: फाइल कर रहे हैं रिटर्न तो पहले जान लें क्या है फार्म 26AS और इसकी जरूरत?

अगर आप प्रोफेशनल या सर्विस प्रोवाइडर हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपके ग्राहकों से प्राप्त सभी भुगतानों में टीडीएस काटा गया है और फार्म 26एएस में दिख रहा है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 25 Jul 2018 01:00 PM (IST)Updated: Thu, 26 Jul 2018 09:38 AM (IST)
ITR 2018: फाइल कर रहे हैं रिटर्न तो पहले जान लें क्या है फार्म 26AS और इसकी जरूरत?
ITR 2018: फाइल कर रहे हैं रिटर्न तो पहले जान लें क्या है फार्म 26AS और इसकी जरूरत?

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश के करदाताओं को ऐसी सलाह दी जाती है कि वो इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करते समय फॉर्म 26एएस का मिलान कर लें। हालांकि काफी सारे लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है। अगर आपको फी इस फॉर्म के बारे में जानकारी नहीं है तो हमारी यह खबर आपके काम की है। जानिए इसके बारे में और यह भी की आखिर इसकी जरूरत क्यों होती है।

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फार्म 26AS क्या है?

अलंकित लिमिटेड के एमडी अंकित अग्रवाल ने बताया कि फार्म 26AS में करदाता का इनकम टैक्स रिकार्ड डाक्युमेंट होता है जो कि नियोक्ताओं, आपूर्तिकर्ताओं, बैंकरों आदि की ओर से काटे गये करों का विवरण दिखाता है। इसमें किसी भी अग्रिम कर, सेल्फ असेसमेंट टैक्स और टीसीएस का विवरण भी शामिल होता है।

करदाता को आयकर रिटर्न फाइल करने से पहले फार्म 26AS में अपना विवरण सत्यापित करना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करेगा कि फाइल की हुई रिटर्न में कोई गलती नहीं है। यह आयकर विभाग की ओर से टैक्स मिसमेच संबंधित समस्याओं की पूछताछ से बचने के लिए है जिसके परिणाम स्वरूप कर क्रेडिट न होने के कारण बाद में टैक्स की मांग होती है।

आईटीआर फाइल करने में यह कैसे मदद करेगा?

फार्म 26एएस होने से आईटीआर फाइल करने की प्रक्रिया बहुत आसान हो जाती है, यह आपके दस्तावेजों का एकमात्र स्रोत हो जाता है जिसमें आपके पैन के संदर्भ में की गई सारी कटौतियों का विवरण होता है। यदि आप वेतन भोगी हैं तो आपको अपने फार्म 26AS को फार्म 16 के साथ जांचना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वित्त वर्ष के दौरान कर कटौती एवं भुगतान किये गये अग्रिम कर, जमा किए गए कर आयकर विभाग के रिकॉर्ड से सही मेल खाते हैं कि नहीं।

अगर आप प्रोफेशनल या सर्विस प्रोवाइडर हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपके ग्राहकों से प्राप्त सभी भुगतानों में टीडीएस काटा गया है और फार्म 26एएस में दिख रहा है। यदि कोई गलती है तो आपको अपने ग्राहक से बात करने और टीडीएस रिटर्न को सुधारने की आवश्यकता होती है। इन सभी परेशानियों से बचने के लिए, ऐसे सभी ग्राहकों को जो आपको टैक्स काटकर भुगतान करते है अपना पैन नम्बर दिया जाना जरूरी है।

यदि आप ऑनलाइन फाइलिंग कर रहे हैं तो एफडी, पेंशन फंड जैसे निवेश रिडेम्प्शन के लिए की गई टीडीएस कटौती, आईटीआर फार्म में अपने आप दिखाई देगी जिसे हम फार्म 26AS से मिलान कर सकते हैं लेकिन आईटीआर फार्म में घोषित किए जाने वाले सभी विवरणें को नहीं देखा जा सकता और इस प्रकार अंतिम संख्याओं का आकलन करने के लिए फार्म 26AS की आवश्यकता होती है।

ध्यान देने वाली बात:

टैक्स एक्सपर्ट अंकित गुप्ता बताते है कि आपके फॉर्म 26AS में जो टैक्स कटौती दिखाई गई है आप उसे ही अपने आईटीआर में दर्ज कराएं फिर वो चाहे कम हो या फिर ज्यादा। ऐसा न करने की सूरत में आपके पास आयकर की धारा 139 (9) से अंतर्गत नोटिस आ सकता है।

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