Post Office की इस स्कीम में आज ही करें निवेश, पैसे को मिलेगी तगड़ी ग्रोथ
अगर आप नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो आज हम आपको इस स्कीम से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं।
By Sajan ChauhanEdited By: Published: Mon, 27 May 2019 06:40 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jun 2019 07:00 AM (IST)
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय डाक (पोस्ट ऑफिस) कई प्रकार की सेविंग स्कीम की पेशकश करते हैं, जिनमें से एक सेविंग स्कीम नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) है। ये सभी स्कीम सरकार की तरफ से प्रायोजित हैं, अगर आप इनमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो आज हम आपको इस स्कीम से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं।
पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) से जुड़ी जरूरी बातें:
- एलिजिबिलिटी: भारतीय डाक की वेबसाइट के अनुसार, सिंगल होल्डर टाइप का नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट खुद या अपने किसी बच्चे के लिए लिया जा सकता है। अगर किसी बच्चे के लिए लिया जाता है तो उसमें दोनों का नाम जुड़ हुआ होता है।
- इंवेस्टमेंट लिमिट: नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट अकाउंट में एक इंवेस्टर 100 रुपये के गुणकों में न्यूनतम राशि जमा कर सकते हैं। इस अकाउंट में अधिकतम राशि जमा करने की कोई भी लिमिट नहीं है।
- ब्याज दर: पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 8 फीसद की ब्याज दर के हिसाब से रिटर्न देता है। ब्याजा सालाना तय होता है, लेकिन मैच्योरिटी के वक्त मिलता है। एनएससी के तहत एक 100 रुपये का एनएससी मैच्योरिटी के वक्त पांच साल बाद 146.93 रुपये हो जाता है।
- इनकम टैक्स बेनिफिट: नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) में जमा करते वक्त आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है।
- ट्रांसफर: नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर किया जा सकता है, लेकिन पुराने होल्डर का नाम सर्टिफिकेठ पर रहेगा और उसके नाम को गोल कर दिया जाएगा और नए व्यक्ति का नाम उस सर्टिफिकेट पर रहेगा।
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