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नोटबंदी का असर: 8 बड़े शहरों में 23 फीसदी घटी घरों की बिक्री, नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

वर्ष 2016 के जुलाई-दिसंबर के दौरान देश के 8 बड़े शहरों में घरों की बिक्री 23 फीसदी घटकर 1,09,159 यूनिट पर आ गई है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 10 Jan 2017 03:25 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jan 2017 10:18 AM (IST)
नोटबंदी का असर: 8 बड़े शहरों में 23 फीसदी घटी घरों की बिक्री, नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

नई दिल्ली। वर्ष 2016 के जुलाई-दिसंबर के दौरान देश के 8 बड़े शहरों में घरों की बिक्री 23 फीसदी घटकर 1,09,159 यूनिट पर आ गई है। वहीं दूसरी ओर, नए घरों के लॉन्च में भी 46 फीसदी की कमजोरी देखने को मिली है। यह तथ्य नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट में सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, बिक्री में सबसे ज्यादा गिरावट वर्ष 2016 की चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में देखी गई है। इसके अलावा दक्षिण भारत के प्रमुख शहर बैंग्लुरू में भी पहली बार घरों की बिक्री में गिरावट देखने को मिली है। घरों की बिक्री के मामले में नोटबंदी के बाद हालात और बदतर हो गए। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यह गिरावट 44 फीसदी तक पहुंच गई।

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सबसे ज्यादा सेल्स एनसीआर और मुंबई में गिरी

सबसे ज्यादा बिक्री दिल्ली-एनसीआर (नेशनल कैपिटल रीजन) के 8 बड़े शहरों में और उसके आप-पास के इलाकों में घटी है। दिल्ली एनसीआर में कई बिल्डर्स ने नए प्रोजेक्ट लॉन्च ही नहीं किए। यहां नए लॉन्च में 73 फीसदी की गिरावट हुई है। यहां बिक्री में करीब 29 फीसदी की कमी दर्ज की गई है।

नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के तहत वर्ष 2016 में बिक्री ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस (वैश्विक मंदी) के निचले स्तर पर आ गई है।

44 फीसदी बिक्री दिसंबर तिमाही में गिरी, नए लॉन्च भी 61 फीसदी घटे

वर्ष 2016 में देश के 8 बड़े शहरों में घरों की बिक्री 9 फीसदी तक गिरी है। जबकि वहीं दूसरी ओर, नोटबंदी के बाद हालात और बदतर हो गई है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यह 44 फीसदी तक गिर गई है। वहीं, इस दौरान नए लॉन्च में 61 फीसदी की कमी आई है।

रियल सेक्टर में हुआ 22,600 करोड़ रुपये का नुकसान

नोटबंदी के चलते रिएल एस्टेट सेक्टर को 22600 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। नाइट फ्रैंक इंडिया की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट ‘इंडिया रिएल एस्टे्ट’ के अनुसार, इस फैसले के चलते इंडस्ट्री की बिक्री में तकरीबन 23 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और 1200 करोड़ का राजस्व घाटा हुआ है। यह रिपोर्ट जुलाई-दिसंबर 2016 के आंकड़ों के आधार पर जारी की गई है।


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