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India Economic Summit: इकोनॉमी की वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने के लिए इन रिफॉर्म्स की तैयारी में है सरकार

वित्त वर्ष 2017-18 की अंतिम तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.1 फीसद पर थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार घटकर पांच फीसद पर रह गई।

By Ankit KumarEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 06:38 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 06:38 PM (IST)
India Economic Summit: इकोनॉमी की वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने के लिए इन रिफॉर्म्स की तैयारी में है सरकार
India Economic Summit: इकोनॉमी की वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने के लिए इन रिफॉर्म्स की तैयारी में है सरकार

नई दिल्ली, एजेंसी। नीति आयोग के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) अमिताभ कांत ने गुरुवार को कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि को मजबूती देने के लिए सरकार आने वाले दिनों में कई और स्ट्रक्चरल रिफार्म्स (ढांचागत सुधारों) की तैयारी में है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के 'इंडिया इकोनॉमिक समिट' को संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि पिछले पांच वर्ष के दौरान देश की इकोनॉमी 7.5 फीसद की दर से बढ़ी है। 

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उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2017-18 की अंतिम तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.1 फीसद पर थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान आर्थिक वृद्धि की रफ्तार घटकर पांच फीसद पर रह गई। कांत ने कहा कि 'रिजर्व बैंक और सरकार ने देश को फिर ऊंची वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए कई कदम उठाए हैं।'

उल्लेखनीय है कि जीडीपी वृद्धि दर की घटती रफ्तार को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक इस साल अब तक प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट में 1.10 फीसद की कटौती कर चुका है। हालांकि, मौद्रिक नीति को उदार बनाये जाने की अपनी सीमाएं हैं। केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए हाल में अपने तरफ से कई उपायों की घोषणा की है। 

नीति आयोग के सीईओ ने कहा, ''मुझे लगता है कि अभी कई और स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स (ढांचागत सुधार) किए जाएंगे। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र में विनिवेश को आगे बढ़ा रही है। मैं आपसे कह सकता हूं कि हमने संपत्तियों के मौद्रिकरण (एक तरह से बेचना) के लिए कई पहलों को आगे बढ़ाया है। हमारा मानना है कि नई परियोजनाओं के बजाय निवेशक पहले से चल रही परियोजनाओं में निवेश करने के लिए आगे आएं।"  

कांत ने कहा कि हमारा मानना है कि निवेशकों को नई परियोजाओं पर निवेश करने की बजाय पहले से चल रही परियोजनाओं पर निवेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स में कमी का फैसला वैश्विक मानकों के अनुरूप टैक्स तय करने के लिए किया गया है।


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