Jio, एयरटेल व वोडा-आइडिया में बड़े निवेश को तैयार हैं दिग्गज टेक कंपनियां, जानें क्या है वजह
वैश्विक मंदी के इस काल में रिलायंस जियो में इस वर्ष 22 अप्रैल से इस सप्ताह शुक्रवार तक दुनिया के छह शीर्ष टेक निवेशक 92202.15 करोड़ रुपए का निवेश कर चुके हैं।
नई दिल्ली, राजीव कुमार। वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से दुनियाभर की कंपनियां नुकसान उठा रही हैं, अपनी यूनिट पर ताला लगा रही हैं। दूसरी तरफ, कई ऐसी भी विदेशी कंपनियां हैं जो भारत के भविष्य पर भरोसा कर टेलीकॉम सेक्टर में अरबों का दांव लगा रही हैं। भारत के बढ़ते डिजिटल बाजार की वजह से रिलायंस जियो से लेकर एयरटेल व वोडाफोन-आइडिया में इस मंदी युग में भी नए निवेश की तैयारी हो रही है। इन कंपनियों में दिग्गज विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी इसलिए है, क्योंकि ये कंपनियां सिर्फ फोन कनेक्शन देने का काम नहीं करती बल्कि डिजिटल सर्विस भी मुहैया कराती हैं। एयरटेल के पास विंक व एयरटेल एक्सट्रीम, वोडाफोन आइडिया के पास वोडाफोन प्ले तो रिलायंस जियो के पास जियो टीवी व जियो सिनेमा, जियो म्यूजिक जैसे डिजिटल प्लेटफार्म हैं।
दिग्गज टेक कंपनियां देश के टेलीकॉम मार्केट में निवेश को तैयार
यही वजह है कि वैश्विक मंदी के इस काल में रिलायंस जियो में इस वर्ष 22 अप्रैल से इस सप्ताह शुक्रवार तक दुनिया के छह शीर्ष टेक निवेशक 92,202.15 करोड़ रुपए का निवेश कर चुके हैं। एयरटेल में दुनिया की टॉप ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन 200 करोड़ डॉलर यानी करीब 15,000 करोड़ रुपये निवेश की योजना बना रही है। वोडाफोन-आइडिया में गूगल बड़ा निवेश करने पर विचार कर रही है। भारत के 100 करोड़ से अधिक टेलीकॉम उपभोक्ता इन तीन कंपनियों के ग्राहक हैं। रिलायंस जियो के पास 37 करोड़, वोडाफोन आइडिया के पास 33.26 करोड़ तो भारती एयरटेल के पास 32.7 करोड़ उपभोक्ता हैं।
ये हैं मुख्य वजहें
आनन्द राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के इक्विटी रिसर्च (फंडामेंटल) विभाग के प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि दिग्गज कंपनियों द्वारा हाल में भारत के टेलीकॉम सेक्टर में निवेश की हालिया घोषणाओं को भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। साथ ही देश में डेटा की खपत में लगातार वृद्धि भी इसकी वजह है। उन्होंने कहा कि डेटा की खपत बढ़ने से कंपनियों का रेवेन्यू बढ़ता है। सोलंकी ने कहा कि OTT प्लेटफॉर्म के जरिए कंटेट डिलिवरी में बढ़ोत्तरी भी इसकी एक वजह है।
टेलीकॉम विशेषज्ञों के मुताबिक फेसबुक, अमेजन, एपल, नेटफ्लिक्स एवं गूगल दुनिया की पांच बड़ी टेक कंपनियां हैं, जिनकी निगाहें इन दिनों भारतीय बाजार पर हैं। कोरोना काल में फिजिकल कारोबार की जगह डिजिटल कारोबार ले रहा है। वर्क फ्रॉम होम आवश्यकता बनती जा रही है। आगे भी अब यही चलन जारी रहने की संभावना दिखाई दे रही है। इन सबके साथ भारत डाटा खपत करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। टेलीकॉम मंत्रालय के मुताबिक भारत का गांव डाटा खपत करने में शहर से आगे निकल चुका है।
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टेलीकॉम कंपनियों, सरकार दोनों को फायदा
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसी भरोसे के कारण रिलायंस जियो में सबसे अधिक 43,573 करोड़ रुपये का निवेश फेसबुक ने किया है। सरकार को भी होगा फायदा टेलीकॉम कंपनियों में निवेश आने से सरकार को भी राजस्व मिलेगा। टेलीकॉम कंपनियां अपने बकाया एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) का भुगतान सरकार को कर पाएंगी। जियो अपना 195 करोड़ रुपये का एजीआर भुगतान कर चुकी है। भारती एयरटेल को लगभग 26,000 करोड़ रुपये तो वोडाफोन को लगभग 50,000 करोड़ रुपये सरकार को एजीआर बकाया के रूप में चुकाने हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भारत सरकार की सहज नीति से भी निवेश को प्रोत्साहन मिल रहा है।